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बड़ी खबर: 2019 में बनी बीजेपी की सरकार तो नहीं होंगे 2024 में चुनाव , जानिए क्यों?

बड़ी खबर: 2019  में बनी बीजेपी की सरकार तो नहीं होंगे 2024 में चुनाव , जानिए क्यों?
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मैं पिछले कुछ समय से लगातार कह रहा हूं कि भारतीय जनता पार्टी अगर 2019 में सत्‍ता में आ गई तो 2024 में चुनाव नहीं होगा। चुनाव नहीं होने का मतलब चुनाव आयोग नाम की संस्‍था के खत्‍म हो जाने से लगाइए। ठीक वैसे ही जैसे योजना आयोग निपट गया। हो सकता है कोई ऐप वैप आ जाए चुनाव करवाने के लिए... कुछ भी हो सकता है लेकिन अपने वर्तमान स्‍वरूप में चुनावी लोकतंत्र 2024 में काम नहीं करेगा। आज उसका सार्वजनिक ट्रेलर दिखा है। मुझे अहमद पटेल के चुनाव में दिखा था। तब मैंने यह बात चौथी बार कही थी।

संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक ही महीने में दो राज्‍यों की विधानसभाओं का टर्म खत्‍म हो रहा है और दोनों के चुनाव परिणाम भी एक ही दिन आने हैं, लेकिन चुनाव की तारीख एक राज्‍य की ही घोषित की गई है। गुजरात अभी बाकी है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर रहे चुनाव आयुक्‍त का आपने चेहरा देखा होगा। पिछले कुछ वर्षों में मुझे इस पद पर बैठा यह सबसे कमज़ोर चेहरा नज़र आया। ऐसा लग रहा था कि दबाव में है। ज़ाहिर है, प्रधानजी के दबाव में, जिन्‍हें 16 तारीख को गुजरात जाना है। पिछले छह महीने में 34वीं बार शायद। कोई सही गिन कर बताए...।
आज एक नया काम हुआ है। कल और नए काम होंगे। यह सरकार पहली बार उठाए जाने वाले कदमों के लिए जानी जाएगी। चौंकाने के लिए जानी जाएगी। पुराने के दुहराव का डर बड़ा नहीं होता। अचानक आई चीज़ का डर बड़ा होता है। नोटबंदी अचानक आई। चौंका गई। जीएसटी आधी रात आया। लोग अब तक सदमे में हैं। सब्सिडी अचानक चली गई। तेल का दाम अब रोज़ चौंकाता है। चौंकाना एक राजनीतिक रणनीति है। इससे पुरानी चीज़ें धुल जाती हैं। दिमाग सर्वाधिक नई बात से अतिव्‍याप्‍त हो जाता है। उसका सदमा खत्‍म नहीं होता कि कुछ और नया चौंका देता है। ये सरकार नहीं, टाइड डिटर्जेंट है। सट्ट से आता है और कपड़े को झक्‍क कर जाता है। नाओमी क्‍लीन इसी को Shock Doctrine कहती हैं।
अभिषेक श्रीवास्तव जर्न�

अभिषेक श्रीवास्तव जर्न�

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