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कन्हैया ने जब संवित पात्रा की बोलती की बंद , तो दर्शक करने लगे वाह वाह!

कन्हैया ने जब संवित पात्रा की बोलती की बंद , तो दर्शक करने लगे वाह वाह!
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न्‍यूज18 इंडिया द्वारा आयोजित 'चौपाल' में JNU स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके सामने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनसे इतिहास को फिर से लिखने के आरोप से लेकर विभिन्न मुद्दों पर बात की

यू तो राजनीति के बारे में कहा जाता है कि जो सर्वगुण संपन्न हो वही राजनीति कर सकता है. लेकिन राजनीति में आयी गिरावट और टी वी चैनलों पर चल रहे डिबेट के गिरते स्तर को देखते हुए आम जनता और आने वाली पीढी का राजनीति और इन डिवेट से मोह भंग हो रहा है. लेकिन बहुत दिनो के बाद एक चैनल के चौपाल कार्यक्रम में बीजेपी के प्रखर प्रवक्ता संबित पात्रा और जे एन यू के चर्चित पूर्व अध्यक्ष कन्हैया आमने सामने थे.


इस डिबेट में कन्हैया ने जिस तरह से संवित पात्रा जी की बोलती बंद कर दी यह काबिले तारीफ है और डिबेट देख रहे दर्शक वाह कन्हैया कहने से रोक नही पाये और इनका मानना है कि पहलीबार संबित पात्रा को जैसे के तैसे में जबाव दिया गया. आखिर हो भी क्यो नही . ऐसे मेै क्षेत्रबाद और जातिवाद से कोसों अपने को दूर रखता हूं लेकिन कन्हैया की हाजिर जवाबी और उसकी तर्क शक्ति का मैं भी कायल हू. कन्हैया के इस गुण के चलते मेरे जेहन में उसके गांव बीहट और उस गांव के प्रतिभावान व्यक्तियों और परंपरा सहसा जेहन में आ जाती है..


बेगूसराय जिले का बीहट एक ऐसा गाव है जहा के बारे में कहा जाता है कि कभी सबसे ज्यादा रामलीला मंडली उसी गांव में था. बीहट स्थित महिला महाविद्यालय के पूर्व सचिव स्व ब्रजकिशोर बाबू ( उर्फ वकील साहब ) हमे कई बार गर्व से कहते थे कि अशोक जी हमारे गांव के वासी जब धोती पहनते है तो राम हो जाते है और साड़ी पहनने पर सीता. यानि कला बीहट के रग - रग में बसा है. यही वजह है कि एक तरफ कीर्तन सम्राट स्व बिन्देश्वरी सिंह को बीहट ने दिया है तो दूसरी तरफ बिहार में इप्टा सबसे मजबूत है तो इसमें अहम भूमिका बीहट का है. इतना ही नही राजनीति के क्षेत्र में बीहट की अलग पहचान रही है. जिस समय कांग्रेस अपने यौवन पर था उस समय स्व रामचरित्र बाबू के बेटे का0 चन्द्र शेखर सिंह ने लाल झंडे को थामा था जिस वजह से आज भी कन्हैया जैसे छात्र नेता उस झडे को मजबूती के साथ पकड़े है.


वही हाल अन्य दलों का भी है. कांग्रेस हो या भाजपा या समाजवादी खेमा या क्षेत्रीय दल सभी दलो के बड़े नेता बीहट में आपको मिल जायेगें. बेगूसराय क्या समूचे बिहार में शायद बीहट पहला गांव होगा जिसने सबसे ज्यादा जन प्रतिनिधि दियें है. प्रशासनिक अधिकारी हो या फिर सबसे ज्यादा ठीकेदार और पैसे वाले या फिर खिलाड़ी बीहट किसी मामले में कम नही . यानि बीहट की धरती सही मायनो में रत्न गर्भा है शायद इसी का असर है कि कन्हैया ने आज डिबेट में अपने धुर विरोधी जिन्हें प्रतिभा का धनी माना जाता है संवित पात्रा जी को स्वस्थ मात दी है . ऐसे में कन्हैया के लिये वाह शब्द तो बनता ही है.

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