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जब अनबन की ख़बरों के बीच आडवाणी के घर पहुंच गए अटल जी, 3 घंटे में लगभग 5 बार हुए थे भावुक!
जननायक अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ठीक क्रिसमस के दिन आती है, यानी 25 दिसंबर को. सहृदय-दूरदर्शी राजनेता, संवेदनशील कवि. मित्रों और विरोधियों द्वारा समान रूप से चाहे जानेवाले अटल बिहारी वाजपेयी सच में एक जननायक हैं.
आज अटल जी की 95वीं जयन्तीं है. आज अटलजी के जन्मदिन पर पूरे दिन उन्हीं के बारे में बात करते हैं।
साल 2001 था, जब बीजेपी के दो शीर्ष नेताओं और एनडीए सरकार के दो प्रमुख स्तंभों के बीच तनाव को लेकर मीडिया में लगातार हलचल थी। ब्रजेश मिश्र को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जैसे दोनों शक्तिशाली पदों पर नियुक्त करने जैसे मामलों पर अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बीच तनाव की खबरें मीडिया में तैर रही थीं। उस समय ये अफवाहें जोर पर थीं कि दोनों बड़े नेताओं में आपसी बातचीत न के बराबर हो रही थी।
उसी दौरान जाड़े के समय में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी अपने पंडारा पार्क वाले घर से अपने नॉर्थ ब्लॉक दफ्तर की ओर रवाना होने ही वाले थे तभी उनकी पत्नी कमला आडवाणी ने अंदर से संदेश भिजवाया कि 'अटल जी ने मुझे (कमला जी को) फोन करके कहा है कि वो कल हमारे घर में दिन का खाना खाने आएंगे।'
प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्रालय के बीच तनाव की खबरों के बीच उस दिन भी अटल जी और आडवाणी जी के बीच ना तो मुलाक़ात हुई और ना ही कोई बात।
अगले दिन वाजपेयी जी दिन में आडवाणी जी के घर पहुंच गए और दोपहर के भोजन का सत्र तीन घंटे तक चला। आडवाणी जी की बेटी प्रतिभा का कहना था दोनों दोस्त तीन घंटे में लगभग 5 बार भावुक हुए और जब तक प्लेटें मेज से उठीं तब तक सारे गिले-शिक़वे भी डस्टबिन में जा चुके थे।
रूद्र प्रताप दुबे (वरिष्ठ पत्रकार)