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नोट बंदी फेल हो गई, क्या ये भी दिल्ली से दौलताबाद हुई साबित- रवीश कुमार

रवीश कुमार
31 Aug 2017 4:25 AM GMT
नोट बंदी फेल हो गई, क्या ये भी दिल्ली से दौलताबाद हुई साबित- रवीश कुमार
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नोटबंदी फेल हो गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कह दिया कि 99 प्रतिशत पांच सौ और हज़ार के नोट वापस आ गए हैं। नोटबंदी के समय 15 लाख 44 हज़ार करोड़ के पांच सौ और हज़ार के नोट चलन में थे। 15 लाख 28 हज़ार करोड़ रुपया वापस आ गया है। इसका मतलब है कि दो दावा किया जा रहा था कि जिनका काला धन होगा, वो बर्बाद हो जाएगा।


कहा जा रहा था कि जिनके घरों में नोट छिपा कर रखे गए हैं वो डर से बैंक नहीं आएंगे और नष्ट हो जाएंगे। ऐसे लोग रात को नींद की गोली खा कर सो रहे हैं। मगर अब तो सारा पैसा वापस आ गया है। सरकार कह रही है कि ऐसा दावा नहीं किया गया था कि जितना पैसा नहीं आएगा वो रिज़र्व बैंक के लिए मुनाफ़ा होगा और बैंक उतना पैसा सरकार को वापस कर देगा। मगर ऐसा कहां हुआ। आठ हज़ार करोड़ रुपया तो नए नोट छापने में लग गया। कई लोगों ने लाइन में लगकर तकलीफें झेलीं, जान चली गई लोगों की।


CMIE के अनुसार नोटबंदी के पहले चार महीनों में पंद्रह लाख नौकरियाँ भी गईं । रिजर्व बैंक को अपनी रिपोर्ट में कहना चाहिए था कि नोटबंदी सफल हुई या नहीं। क्योंकि फैसले लेने के बाद सरकार ने दावा किया था कि रिजर्व बैंक की सिफारिश पर ही नोटबंदी की गई थी। कांग्रेस कह रही है कि काले धन को सफेद कर लिया गया। चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी के बहाने काले धन को सफेद करवा दिया गया। सरकार कहती है कि करीब पौने दो लाख से तीन लाख करोड़ अघोषित आय की जानकारी हुई है। एक तो रिजर्व बैंक अभी तक नोट ही गिन रहा था, सरकार ने अघोषित आय कैसे पकड़ लिया। सब आंकड़ों का खेल है लेकिन रिजर्व बैंक का जो आंकड़ा है वो एक मज़बूत पैमाना है।


हावर्ड और हाड वर्क वालों में बहस होगी, फर्ज़ी दावे फिर से होंगे और भारत की चुनावी राजनीति में घूस और दलाली का पैसा फिर से पानी की तरह बहेगा। उस पैसे से मंच सजेगा, उस पर नेता हेलिकाप्टर से उतरेगा, पैसे देकर बसों में भर कर लोग लाए जाएंगे और मंच से नेता का दावा होगा कि काला धन मिट गया है। हमारे नेता ईमानदार हैं। वो काला धन सामने रखकर बोलते हैं कि देखो मिट गया है। जनता भी ईमानदार है। कहती हैं, सही है हुज़ूर मिट गया है। जब हमीं मिट गए तो काला धन क्यों नहीं मिटेगा हुज़ूर।

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