- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
बड़ा खुलासा: 'हिंदू राष्ट्र' के कथित प्रोजेक्ट वाले लोग असल में हिंदू विरोधी हैं!
अभिषेक श्रीवास्तव जर्न�
22 Oct 2017 8:15 AM GMT
x
मैं जब किसी से कहता हूं कि 'हिंदू राष्ट्र' के कथित प्रोजेक्ट वाले लोग असल में हिंदू विरोधी हैं, तो इसे समझाने में वक्त लगता है। फिर मैं कहता हूं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्राह्मणवादी है, तो यह थोड़ा जल्दी समझ में आ जाता है। फिर मैं कहता हूं कि योगी आदित्यनाथ जिस परंपरा से आते हैं, वह परंपरा अपने मूल में आरएसएस विरोधी है, तो गड़बड़झाला हो जाता है। अपने गृहजिले यूपी के ग़ाज़ीपुर स्थित करंडा के ब्राह्मणपुर गांव में आज हुई एक संघ ब्लॉक कार्यवाह की हत्या इस जटिल जाले को साफ़ करती है। राजेश मिश्र पिछले चार-पांच साल की पैदाइश थे वरना बीसों साल से काम कर रहे इलाके के पत्रकारों ने उनका नाम नहीं सुना था। उनके पत्रकार होने का कुल मतलब और मकसद दैनिक जागरण में संघ के आयोजनों से जुड़ी खबरें छपवाना था। इसके लिए पैसे नहीं मिलते हैं। यह धर्मार्थ पत्रकारिता है।
उन्हें तड़के मार दिया गया। ब्राह्मणपुर में ब्राह्मण की निर्मम हत्या! हत्या तो वैसे भी त्रासद और अतिनिंदनीय है ही, हत्यारे को कुम्भीपाक नरक का योग अलग से बनेगा। योगीराज में रायबरेली में बर्बर तरीके से मारे गए पांच ब्राह्मणों के बाद यह दूसरी ऐसी घटना है जो चौबीस घंटा बीतने से पहले राष्ट्रीय हो गई है। संघ के कार्यकर्ताओं ने ग़ाज़ीपुर जिला अस्पताल के बाहर जमकर बवाल काटा है। डैमेज कंट्रोल के लिए मनोज सिन्हा से लेकर आइजी, डीआइजी सब पहुंच गए। ऐसे कौन से खास शख्स थे राजेश मिश्रा? मामला आदमी के वज़न का नहीं है, संघ का है। आप ख़बरें देखिए। लुधियाना और केरल में संघ कार्यकर्ताओं की हत्या के साथ इसे जोड़ा जा रहा है। बड़ा नैरेटिव बन रहा है।
यहां दो स्तरों पर अंतर्विरोध है। एक संघ के भीतर ब्राह्मण वर्चस्व बनाम सरकार के भीतर ठाकुर वर्चस्व का। दूसरा, योगी की हिंदू युवा वाहिनी बनाम संघ/बीजेपी का। हो सकता है उतना प्रत्यक्ष दिखता न हो, लेकिन भीतर-भीतर खड़बड़ाहट है। यूपी में बीजेपी की इकाइयां संकट में हैं। हिंदू युवा वाहिनी बीजेपी और संघ की कीमत पर मोटाती जा रही है। इसीलिए ग़ाज़ीपुर की एक मामूली (इस लिहाज से कि मामला सामान्य रंजिश आदि का होना चाहिए) घटना राजनीतिक रूप से दूर तक जाने की क्षमता रखती है। खींचने वाला मिल गया तो योगी भी कम जडि़यल नहीं हैं। भाजपा को ले डूबेंगे या फिर खुद मठ वापसी हो जाएगी।
अभिषेक श्रीवास्तव जर्न�
Next Story