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इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर ये छाप कर कर दिया खुलासा, लेकिन मानेगा कौन?

रवीश कुमार
20 Aug 2019 4:17 AM GMT
इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर ये छाप कर कर दिया खुलासा, लेकिन मानेगा कौन?
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धागों की फ़ैक्ट्रियों में एक और दो दिनों की बंदी होने लगी है। धागों का निर्यात 33 प्रतिशत कम हो गया है।

आज इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर तीन पर बड़ा सा विज्ञापन छपा है। लिखा है कि भारतीय स्पीनिंग उद्योग सबसे बड़े संकट से गुज़र रहा है जिसके कारण बड़ी संख्या में नौकरियाँ जा रही हैं। आधे पन्ने के इस विज्ञापन में नौकरियाँ जाने के बाद फ़ैक्ट्री से बाहर आते लोगों का स्केच बनाया गया है। नीचे बारीक आकार में लिखा है कि एक तिहाई धागा मिलें बंद हो चुकी हैं। जो चल रही हैं वो भारी घाटे में हैं। उनकी इतनी भी स्थिति नहीं है कि वे भारतीय कपास ख़रीद सकें। कपास की आगामी फ़सल का कोई ख़रीदार नहीं होगा। अनुमान है कि अस्सी हज़ार करोड़ का कपास होने जा रहा है तो इसका असर कपास के किसानों पर भी होगा।

कल ही फ़रीदाबाद टेक्सटाइल एसोसिएशन के अनिल जैन ने बताया कि टेक्सटाइल सेक्टर में पचीस से पतास लाख के बीच नौकरियाँ गईं हैं। हमें इस संख्या पर यक़ीन नहीं हुआ लेकिन आज तो टेक्सटाइल सेक्टर ने अपना विज्ञापन देकर ही कलेजा दिखा दिया है। धागों की फ़ैक्ट्रियों में एक और दो दिनों की बंदी होने लगी है। धागों का निर्यात 33 प्रतिशत कम हो गया है। आज इंडियन एक्सप्रेस ने छाप कर संदेह दूर कर दिया।

मोदी सरकार ने 2016 में छह हज़ार करोड़ के पैकेज और अन्य रियायतों का ज़ोर शोर से एलान किया था। दावा था कि तीन साल में एक करोड़ रोज़गार पैदा होगा। उल्टा नौकरियाँ चली गईं। पैकेज के एलान के वक्त ख़ूब संपादकीय लिखे गए। तारीफ़ें हो रही थीं। नतीजा सामने हैं। खेती के बाद सबके अधिक लोग टेक्सटाइल में रोज़गार पाते हैं। वहाँ का संकट इतना मारक है कि विज्ञापन देना पड़ रहा है। टीवी में नेशनल सिलेबस की चर्चा बढ़ानी होगी।

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रवीश कुमार

रवीश कुमार

रविश कुमार :पांच दिसम्बर 1974 को जन्में एक भारतीय टीवी एंकर,लेखक और पत्रकार है.जो भारतीय राजनीति और समाज से संबंधित विषयों को व्याप्ति किया है। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया पर वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है, हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी समाचार नेटवर्क और होस्ट्स के चैनल के प्रमुख कार्य दिवस सहित कार्यक्रमों की एक संख्या के प्राइम टाइम शो,हम लोग और रविश की रिपोर्ट को देखते है. २०१४ लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने राय और उप-शहरी और ग्रामीण जीवन के पहलुओं जो टेलीविजन-आधारित नेटवर्क खबर में ज्यादा ध्यान प्राप्त नहीं करते हैं पर प्रकाश डाला जमीन पर लोगों की जरूरतों के बारे में कई उत्तर भारतीय राज्यों में व्यापक क्षेत्र साक्षात्कार किया था।वह बिहार के पूर्व चंपारन जिले के मोतीहारी में हुआ। वह लोयोला हाई स्कूल, पटना, पर अध्ययन किया और पर बाद में उन्होंने अपने उच्च अध्ययन के लिए करने के लिए दिल्ली ले जाया गया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और भारतीय जन संचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया।

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