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कांग्रेस पार्टी ने काफी जद्दोजहद के बाद आखिर भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की कमान सौंप दी है। रायपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पर्यवेक्षक बनाए गए मल्लिकार्जुन खड़गे ने भूपेश बघेल ने नाम का एलान कर दिया है।
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के अध्यक्ष हैं। 14 दिसंबर से चल रहे कयासों पर अब पूर्णतया विराम लग गया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद भूपेश बघेल के नाम का एलान किया गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का सबसे ज्यादा श्रेय बघेल को दिया गया। बघेल ने नगरीय निकाय से लेकर विधानसभा चुनाव तक जिस तरह रणनीति बनाने का काम किया उसका फायदा कांग्रेस को प्रचंड जीत के रूप में मिला। भूपेश बघेल ने प्रदेश में संगठन के मजबूत करने का काम किया है। इसके साथ ही वे पिछले समुदाय से आते हैं।
17 दिसंबर को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होना तय है। खबरों के मुताबिक ताम्रध्वज साहू का नाम लगभग तय हो चुका था। लेकिन भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद के तीनों दावेदारों को दरकिनार करता हुआ सबसे आगे आ गया।
भूपेश बघेल का सियासी सफर
भूपेश बघेल का सियासी सफर 23 अगस्त 1961 को दुर्ग में जन्मे भूपेश बघेल ने 80 के दशक में कांग्रेस के साथ अपनी सियासी पारी शुरू की थी। शुरुआत हुई यूथ कांग्रेस के साथ। 1990 से 94 तक वह जिला युवक कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे। 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे। 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना, तब उन्होंने पाटन विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इसके बाद वह कैबिनेट मंत्री भी बने। 2003 में कांग्रेस की सरकार गई तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। अब उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई है।
कांग्रेस ने अब सभी प्रदेशों में अपने मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम साफ़ कर दिए है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ , राजस्थान में अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल होंगे मुख्यमंत्री। जबकि राजस्थान में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बनाये गये है।