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रोहित की मौत में एक नया खुलासा: मौत से पहले 16 घंटे तक सोते रहे रोहित शेखर तिवारी, किसी ने नहीं ली थी घर में सुध

Special Coverage News
18 April 2019 3:45 AM GMT
रोहित की मौत में एक नया खुलासा: मौत से पहले 16 घंटे तक सोते रहे रोहित शेखर तिवारी, किसी ने नहीं ली थी घर में सुध
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. पुलिस को कमरे में इतनी अधिक दवाइयां मिली लग रहा था कि उनका बेडरूम ना होकर एक छोटा सा मेडिकल स्टोर हो. रोहित की मां या पत्नी या किसी और ने पोस्टमार्टम करने से मना करने की कोई रिक्वेस्ट नहीं की.

यूपी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी जी संदिग्ध हालत में मौत के मामले में पुलिस फिलहाल किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. लेकिन जांच में पता चला है मौत से ठीक पहले रोहित शेखर घर में साढे 16 घंटे तक लगातार सोते रहे और इस बीच किसी परिजन ने उनकी सुध नहीं ली आखिर क्यों? पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी वजह से मौत संदिग्ध लग रही है.


बुधवार को रोहित के सब को एम्स में 5 डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया डॉक्टर भी हैरान थे. रोहित की नाक से खून क्यों आया पुलिस जांच में पता चला रोहित कोटद्वार से वोट डालकर सोमवार रात डिफेंस कॉलोनी स्थित घर लौटे थे. वह नशे में थे. आते ही डिनर किया और सो गए. मंगलवार सुबह नींद नहीं खुली और जब शाम करीब 4:00 बजे नौकर भोगेंद्र ने देखा रोहित बेड पर लेटे थे और उनकी नाक से खून बह रहा था. जब नौकर से पूछा रोहित की घर में किसी से कहा सुनी तो नहीं हुई थी. इसका उसने जवाब नहीं दिया. रोहित की मां उज्जवला ने दावा किया रोहित पिता की विरासत को आगे ले जाना चाहते थे. लेकिन कुछ षड्यंत्र कार्यों के कारण इसका मौका नहीं मिला रोहित डिप्रेशन के शिकार हो गए थे.

वहीं पुलिस के सूत्रों का कहना है रोहित सोमवार रात 11:30 बजे सो गए थे तो घर में किसी ने उनकी सारी 16 घंटे तक कोई सुध क्यों नहीं ली? उनकी पत्नी भी पूरे समय घर पर ही थी. घर में दूसरे लोग भी थे जांच में यह भी पता लगा है कि रोहित जब घर आए थे. तब वह कुछ नशे में थे यह भी पता चला है कि कई बार रोहित नींद वाली गोलियां भी लेते थे. ऐसे में कहीं उन्होंने नशे में नींद की गोलियां ली हो और उसका रिएक्शन हो गया. या डोज हैवी हो गई हो. सच यह भी है कि कहीं मसला पाइजिंग से जुड़ा हुआ नहीं हो. रोहित के रूम से ढेर सारी दवाइयां और खाली रेपर भी मिले. हाल ही में उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी. पुलिस को कमरे में इतनी अधिक दवाइयां मिली लग रहा था कि उनका बेडरूम ना होकर एक छोटा सा मेडिकल स्टोर हो. रोहित की मां या पत्नी या किसी और ने पोस्टमार्टम करने से मना करने की कोई रिक्वेस्ट नहीं की. परिवार की ओर से हत्या की भी कोई बात पुलिस से नहीं गई. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.


वहीं मां उज्जवला ने बताया बेटा रोहित अपने पिता के लिए बहुत कुछ करना चाहता था. लेकिन कुछ लोगों की नियत अच्छी नहीं थी जो बाप बेटे को मिलने देना नहीं चाहते थे. पहले उन्होंने उनके नाम भी बताने की बात कही थी. लेकिन फिर कहा कि अभी इस बारे में बताना सही नहीं है. उन्होंने बताया रोहित ने बीए ऑनर्स और एलएलबी भी की हुई थी. उसके अंदर अपने पिता देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था रोहित इन 4 सालों से बहुत उत्सुक थे कि उन्हें अपने पिता की विरासत को आगे ले जाने के अवसर मिले. लेकिन कुछ लोगों ने ऐसा नहीं होने दिया इससे और अवसाद में आ गई थी उन्होंने रोते हुए कहा अगर समय रहते रोहित को मौका मिल जाता ईश्वर की कृपा होती. लेकिन बात बहुत आगे निकल चुकी थी बहुत देर हो गई थी बहुत देर हो गई थी बहुत देर हो गई.. रोहित ने कहा था कि मैं संघर्ष इसलिए कर रहा हूं .मेरे पिता की भी रक्षा हो सके मेरे पिता बहुत गलत हाथों में फंसे हुए हैं. यह लड़ाई वह अपने पिता को गलत हाथों से बचाने के लिए भी लड़ रहे थे जिन्होंने तिवारी जी को अंधेरे में रखा था.

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