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दिल्ली में मरने के बाद चल रहा है लाश का खेल, पांच दिन से नहीं दे रहा है अस्पताल लाश!
नांगलोई, दिल्ली ल अब आपको एक ऐसी खबर दिखाते है जिसे देखने के बाद आप भी हैरत मे पड़ जायेगे l दिल्ली के एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही से एक मरीज की जान चली गयी और इस पर अस्पताल को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा और तुरंत उसने मृतक मरीज को ये कहकर दूसरे अस्पताल मे रिफर कर दिया की हमारे यहाँ आईसीयू नहीं है आप मरीज को दूसरे अस्पताल मे ले जाइये इसके बाद जब परिजनों को मौत का पता चला तो मृतक की लाश को पोस्टमार्टम के बहाने 5 दिन तक टहलाया गया जिसके बाद अभी तक घर वाले अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए, देखिये रिपोर्ट l
पूरा मामला दिल्ली के नांगलोई का है जहाँ पर रामजियावन अपने परिवार के साथ रहता था, रामजियावन को गाल बेडर मे पथरी की समस्या थी जिसका ऑप्रेशन कराने के लिए वही के एक निजी फेरो हॉस्पिटल मे उसके परिजनों ने 8 दिसंबर को भर्ती कराने के लिए ले गए थे जहां पर अस्पताल प्रशासन ने पूरी तरीके से राम जियावन का पूरा मेडिकल चेकअप किया इसके बाद पहले तो ₹22000 रूपये एडवांस जमा कराये जिसकी रसीद उपलब्ध है l उसके बाद ऑपरेशन कराने के पहले पूरा मेडिकल परीक्षण शरीर का किया गया l फिर डॉक्टर ने ओप्रशन करना शुरू किया कुछ देर ऑप्रेशन करने के बाद अस्पताल की तरफ से परिजनों को सुचना दी गयी की मरीज को दूसरे अस्पताल मे शिफ्ट किया जा रहा है परिजनों ने सवाल किया की ऐसा क्यूँ किया जा रहा है तो जवाब दिया गया कि हमारे यहाँ आईसीयू नहीं है जिसके कारण ऐसा किया जा रहा है अब सवाल ये है जब इतना बड़ा अस्पताल है और सर्जरी भी हो रहीं है तो क्या बिना आईसीऊ के ही अस्पताल चल रहा है ये सोचने की बात है ल
फिलहाल घर वालों का आरोप है कि रामजियावन कि मौत सर्जरी के दौरान ही हो गयी थी अस्पताल वालों ने हमें इसके बारे बताया ही नहीं, तुरंत आनन फानन मे रामजियावन को वही के नजदीकी सोनिया अस्पताल मे रिफर कर दिया गया जहाँ कुछ देर बाद वहां के डॉक्टरों ने मरीज के मृत होने की खबर दे दी इसके बाद परिजनों के पैरो के नीचे की मानो ज़मीन खिसक गयी क्योंकि लापरवाही के गंदे खेल मे उनके घर का सदस्य तो पहले ही मर गया था बस चल रहा था तो सिर्फ मौत का खेलल
मामला यही नहीं रुका अब फेरो अस्पताल वालों ने एक खेल और खेला जिसकी भनक 5 दिन बीत जाने के बाद परिजनों को लगीl जब घर वालों ने इसकी लिखित सुचना नांगलोई थाने को दी तो पुलिस ने भी घर वालों का साथ ना देकर अस्पताल वालों के साथ मिलकर मृतक की लाश के पोस्टमार्टम कराने का गन्दा नाटक खेला जिसकी वजह लाश मुर्दा घर मे 5 दिन तक सड़ती रहीं और परिजनों को सिर्फ घुमाया जा रहा था इसी बीच परिजनों का आरोप है की अस्पताल की तरफ से समझौते का दबाव भी बनाया जा रहा था और पुलिस घर वालों की कोई मदत नहीं कर रहीं थी जिसका नतीजा ये रहा की 5 दिन तक घर वाले मृतक रामजियावन का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं कर पाए है जबरदस्त पुलिस और अस्पताल वालों का गन्दा खेल जारी है l
अब बड़ा सवाल ये है कि जिस डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता आखिर वही डॉक्टर जब ऐसा गलत कार्य करने लगे तो लोगो का भरोसा उठ जायेगा और दूसरा सवाल ये भी है दिल्ली मे केजरीवाल सरकार है और वहां स्वास्थ्य मंत्री अच्छे इलाज का भरोसा दिलाते है तो आखिर दिल्ली कि ऐसी सरकार का क्या फायदा जिसमे ऐसी जनता घुट घुट के मर जाये और न्याय के लिए पुलिस की चौखट पर कोई न्याय ना मिले क्योंकि 5 दिन हो गए मृतक रामजियावन को और अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ मृतक के दो छोटे बच्चे भी है अब आगे का भविष्य सिर्फ भगवान भरोसे है क्योंकि जहाँ पर लाश के साथ बेईमानी हो रही है वहां इंसाफ तो दूर दूर तक दिखाई ही नहीं दे रहा है l