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आम चुनाव के नतीजों के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ी टेंशन खड़ी हो गई है। राजधानी की कुल सात लोकसभा सीटों के नतीजों को अगर विधानसभा वार देखा जाए, तब सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 65 पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगे रही, जबकि बाकी पांच मुस्लिम बहुल विस क्षेत्रों में कांग्रेस अव्वल थी। वहीं, आप एक भी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं ले पाई। बीजेपी और कांग्रेस के बाद वह तीसरे स्थान पर रही।
दरअसल, इस चुनाव में नई दिल्ली में बीजेपी ने सभी सात लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया है। कुल हुए मतदान में विजयी भगवा पार्टी को लगभग 56.6 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 22.5 फीसदी रहा। वहीं, आप के खाते में महज 18.1 प्रतिशत मत ही गए। बता दें कि राजधानी में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं।
चुनाव आयोग (ईसी) के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस के दिग्गज नेता जय प्रकाश अग्रवाल को चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले मटिया महल, बल्लीमारान और चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक वोट मिले। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित को उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट में पड़ने वाले सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से सबसे ज्यादा मत हासिल हुए। वहीं, दिल्ली के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में ओखला विस क्षेत्र से सीधी बढ़त हासिल कर गए।
टीओआई की रिपोर्ट में एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के हवाले से कहा गया कि यह साफ दर्शाता है कि मुस्लिम मतदाताओं ने इस चुनाव में आप के बजाय कांग्रेस को चुना। हालांकि, ओखला विस क्षेत्र में आप का वोट शेयर 27 प्रतिशत रहा, मगर बाकी सभी मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में आप को 10 फीसदी से कम ही वोट मिल पाए। वहीं, गुरुवार को नतीजे आने से पहले सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि मुस्लिम वोटर उन्हें धोखा देकर ऐन वक्त पर कांग्रेस के पाले में चले गए।