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आखिर सोनिया ने फिर बीजेपी के चाणक्य को दे दिया बड़ा झटका, कभी बाजपेयी को भी चटाई थी धूल!
नई दिल्ली: कांग्रेस के महाराष्ट्र राज्य के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड्गे ने बताया कि कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक हुई है जिसमें सभी वरिष्ठ नेताओं ने अम सहमति व्यक्त करते हुए समर्थन की बात कही है. लेकिन अंतिम निर्णय के लिए चार बजे एक बार फिर बैठक बुलाई गई है.
महाराष्ट्र में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दो सो पार का नारा दिया था जिसे साकार नहीं कर पाए बल्कि अपनी सरकार भी गंवा बैठे. लेकिन जिस कांग्रेस को हतास, निराश और कांग्रेस मुक्त भारत की कड़ी में बीजेपी आगे बढ़ रही थी. लेकिन अब कांग्रेस लगातार अपनी बढत बीजेपी पर बनाती नजर आ रही है.
बता दें कि इस मसले पर एनसीपी और कांग्रेस ने फूंक फूंक कर अपने कदम बढाये है क्योंकि पिछली बार देर करने से गोवा में सरकार नहीं बना पाने का मलाल रहा तो जल्दवाजी में कर्नाटक की सरकार बनाकर बड़ा झटका लगा जब पूरी पार्टी तहस नहस हो गई. लेकिन उस बार अध्यक्ष की कुर्सी पर राहुल गाँधी बैठे थे जो युवा बिग्रेड का नेत्रत्व कर रहे थे. अबकी बार भूमिका बदली जब कांग्रेस का नेत्रत्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी कर रही है.
मालूम हो की जब देश में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी तब कांग्रेस आज जैसी हालत में ही जा चुकी थी. लेकिन बीजेपी उतनी ताकतवर नहीं थी जितनी आज है. उसकी अपेक्षा बीजेपी आज कई गुना ताकतवर हो चुकी है. जिस तरह आज अमित शाह बीजेपी को चला रहे है तब के बीजेपी के चाणक्य प्रमोद महाजन उतने ताकतवर नहीं जितने कि आज अमित शाह है. लेकिन उस ताकतवर जोड़ी को विदेशी महिला का प्रचार होने के बाबजूद बीजेपी को हराकर केंद्र में सरकार बना ली.
अब जब कांग्रेस मुक्त भारत की बात हो रही थी तो उस समय बीजेपी से तीन बड़े राज्यों की सत्ता राहुल के नेत्रत्व में छीन लिया. लेकिन उसके बाद जो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत बनी और उसके बाद जो भगदड़ मची उसे रोक पाने में कांग्रेस नाकाम दिख रही थी. कभी राजीव के सबसे खास कहे जाने वाले संजय सरीखे व्यक्ति राज्यसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गये. अखिलेश सिंह जो सोनिया के सबसे नजदीकी व्यक्ति थे उनकी म्रत्यु के बाद उनकी कांग्रेस विधायक बेटी ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
उसके बाद कांग्रेस को एक बार फिर से सोनिया के नेत्रत्व में हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ा गया. जिसमें कांग्रेस ने बेमन से चुनाव लड़ा और उसमें उसका काफी अच्छा प्रदर्शन कर दिया और उसके बाद जब और बड़ी जीत हो गई. अब महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जबकि पीएम मोदी का नारा था केंद में नरेंद्र और महाराष्ट्र में देवेन्द्र