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क्या अहमद पटेल के मोदी पर आरोपों की वजह से पड़ा कांग्रेस के कर्मचारी के घर आयकर विभाग का छापा?

Special Coverage News
9 April 2019 11:50 AM GMT
क्या अहमद पटेल के मोदी पर आरोपों की वजह से पड़ा कांग्रेस के कर्मचारी के घर आयकर विभाग का छापा?
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यूसुफ़ अंसारी

सोमवार को जो बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र जारी किया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोषाध्यक्ष एवं पटेल ने इस पर जोरदार हमला बोला। अहमद पटेल ने बीजेपी के घोषणापत्र को 'झूठ का ग़ुब्बारा' बताते हुए कहा कि जहां कांग्रेस के घोषणापत्र में जनता के मुद्दों पर फोकस है वहीं बीजेपी के घोषणापत्र में सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही छाए हुए हैं। अहमद पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह भी आरोप लगाया था कि नमामि गंगे के बोर्ड के चेयरमैन वह खुद है और 5 साल में उन्होंने इसकी एक भी बैठक नहीं बुलाई है।

क्या अहमद पटेल के यह आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतने चुप गए कि शाम होते होते उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में काम करने वाले एक अदना से कर्मचारी के घर आयकर विभाग का छापा पड़वा दिया? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस कर्मचारी के घर छापा पड़ा है वह कर्मचारी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष यानी अहमद पटेल से जुड़े हुए हैं। पार्टी के पैसों का हिसाब किताब रखने बैंक की भूमिका होती है। छापे की कार्रवाई बहुत ही खुफिया तरीके से हुई। यहां तक कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।

पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके के ताज एनक्लेव में आयकर विभाग ने सोमवार देर शाम कांग्रेस नेता अहमद पटेल के करीबी एसएस मोईन कुरैशी के घर पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग को सूचना मिली थी की कुरैशी ने कांग्रेस नेताओं के 20 से 30 करोड़ाें रुपये छुपाए हुए हैं। इन पैसों का चुनाव में इस्तेमाल होना है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने कुरैशी के घर से कई दस्तावेज बरामद किए हैं। छापे की यह कार्रवाई कई घंटे चली और आयकर विभाग के अधिकारी देर रात तक जांच पड़ताल में लगे रहे। सूत्रों से यह पता चला है कि कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। नगदी को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है।

गौरतलब है कि शाम छह बजे के आसपास विभाग ने कुरैशी के घर पर छामा मारा। विभाग ने इस कार्रवाई को बेहद गुप्त रखा था। इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी नहीं दी गई। इस छापे की खबर लीक होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस की खबर पहुंची तो पार्टी सकते में आ गई। आनन फानन में रात करीब दस बजे कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल खुद कुरैशी के घर पहुंच गए। उन्होंने मीडिया वालों से कोई बात नहीं की।

दरअसल ताज एनक्लेव चलाते क्या इस इलाके की एक की एक पॉश कॉलोनी है। यहां केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी में काम करने वाले ज्यादातर मुस्लिम अधिकारी रहते हैं। इस छापे से इलाके में हड़कंप मच गया। अचानक हुई इस कार्यवाही सेेे लोग गुस्से से भर गए। यह खबर मिली है कि छापे की इस खबर कवर करने के लिए पहुंचे कई मीडियाकर्मियों को वहां के स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा, इसमें एक महिला पत्रकार भी शामिल है। लोगों ने कैमरे तोड़ने की कोशिश की और इसे धार्मिक रंग देने की भी कोशिश की गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जैसे तैसे मीडियाकर्मियों को बचाया। इलाके में अद्धसैनिक बल तैनात किया गया है।

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से जुड़े कांग्रेस के कर्मचारी के घर आयकर का छापा पड़ना इस बात के साफ संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा चुनाव अहमद पटेल के नाम पर देश में मुस्लिम विरोधी माहौल बना कर जीतना चाहते हैंं। पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली में मंच से नाम अहमद पटेल का नाम लेकर उन पर हमला बोला था। तब अहमद पटेल ने मोदी पर 'गटर पॉलिटिक्स' करने का आरोप लगाया था। यह जंग अहमद पटेल टि्वटर के जरिए लड़ रहे थे। बीजेपी का घोषणा पत्र जारी होने के बाद अहमद पटेल खुलकर सामने आए और उन्होंने कांग्रेस के मंच से मोदी पर पलटवार किया।

आमतौर पर अहमद पटेल पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं होते हैं। सोमवार को बीजेपी के घोषणापत्र पर टिप्पणी करने के लिए बुलाई गई कांग्रेस की विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में अहमद पटेल के शामिल होने की सूचना नहीं दी गई थी बताया जाता है कि आखरी वक्त पर उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने का फैसला किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस से कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल बीजेपी के संकल्प पत्र पर ओपनिंग रिमार्क्स देंगे और डिटेल में जानकारी राजीव गांधी देंगे। माई के सामने आते ही अहमद पटेल ने मोदी पर बयानों के गोले छोड़ने शुरू कर दिए।

अहमद पटेल एक हाथ में बीजेपी का 'संकल्प पत्र' लिया और दूसरे हाथ से कांग्रेस का 'जन घोषणा पत्र'। दोनों को एक साथ दिखाते हुए वह बोले, 'अगर आप इन दोनों को एक साथ जनता के सामने रखेंगे तो आप पाएंगे कि कांग्रेस के घोषणापत्र में जहां जनता है वहीं बीजेपी के घोषणापत्र में सिर्फ 'मैं' ही 'मैं' हूं और मेरा अहंकार है। न इनको देश से मतलब है, न अपनी पार्टी से और ही अपनी पार्टी के नेताओं से वास्ता है। इनका का घोषणा पत्र झूठ का गुब्बारा है।

इससे तो अच्छा होति कि वो माफीनामा जारी करते। पिछले 5 साल में कोई काम तो किया नहीं है। कभी चाय वाला, कभी चौकीदार, कभी कामदार बता कर देश और देश की जनता को बेवकूफ पर आते रहे हैं लेकिन अब नाइन का झुकाव बारात इनका झूठ का वह वाला चलने वाला नहीं जनता जान चुकी है कि यह लोग घोषणा पत्र का वादा कभी नही निभाते है, देश की जनता अच्छे से पहचान चुकी है 5 साल का इनको हिसाब देना चाहिए।

अपने हमले की धार तेज करते हुए एवं पटेल ने आगे कहा कि आप कुछ लोगों को कुछ दिन के लिए बेवकूफ बना सकते हैं कुछ लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ बना सकते हैं लेकिन सब लोगों को हमेशा के लिए बेवकूफ नहीं बना सकते। अब बहुत हो गया जनता अछी तरह जान चूकी है। इसीलिए कांग्रेस ने कहा है कि 'अब होगा न्याय।' आमतौर पर अहमद पटेल ऐसे सपने में बात नहीं करते लेकिन सोमवार को मोदी पर हमला हमला बोलते वक्त अहमद पटेल का लहजा सख्त था और उनके तेवर तीखे थे। बीजेपी के घोषणापत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब 40 मिनट के भाषण पर अहमद पटेल की 4 मिनट की टिप्पणी भारी पड़ गई।

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