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तीस हजारी कोर्ट हिंसा : हाईकोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान, दिल्ली पुलिस को दिया निर्देश, दो अधिकारी हटाए
दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुए हिंसक झड़प का स्वतः संज्ञान लिया है। आज रविवार को घटनास्थल का कोर्ट ने निरीक्षण किया। कोर्ट ने पुलिस से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है। इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया और हाई कोर्ट और सभी जिलों के बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और सी हरि शंकर की पीठ ने आज अपराह्न तीन बजे दोबारा से सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि अब तक इस मामले में कितनी एफआइआर दर्ज हुई हैं। इस पर पुलिस की तरफ से पेश हुए राहुल मेहरा ने बताया कि इस मामले में कुल चार एफआइआर दर्ज हैं। कोर्ट को बताया कि शनिवार को हुई हिंसक झड़प में 21 पुलिसकर्मी, 8 वकील घायल हैं। घायलों में एडिशनल डीसीपी और दो एसएचओ शामिल हैं। हिंसक झड़प में 14 बाइक, पुलिस की जिप्सी और आठ कैदी वाहन को जलाया गया है। पुलिस की तरफ से बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वह तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच कल हुई झड़प के सिलसिले में स्पेशल कमिश्नर संजय सिंह और एडिशनल डीसीपी हरिंदर सिंह का तबादला करे।
इससे पहले इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में हाई कोर्ट के जजों के साथ पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की मीटिंग हुई। बैठक के बाद फैसला किया गया कि वकीलों और पुलिस के बीच मारपीट के मामले की कोर्ट सुनवाई करेगी। वहीं एडिशनल जज पिंकी ने मौके का रविवार को मुआयना किया। तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प के बाद रविवार को लगने वाली लोक अदालत भी रद कर दी गई है।
हिंसक झड़प में कई लोग घायल
बता दें कि उत्तरी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को लॉकअप के बाहर कार खड़ी करने को लेकर वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी।इससे गुस्साए वकीलों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस की जिप्सी और वहां खड़ी 13 मोटर साइकिलों को फूंक दिया। सात कैदी वैन में भी तोड़फोड़ की गई। सूचना पर पहुंचे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बंधक बनाकर उनके साथ बदसुलूकी की गई। एडिशनल डीसीपी व दो एसएचओ सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
छीन लिए गए लोगों के मोबाइल
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस बल के साथ उत्तरी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह व उपायुक्त मोनिका भारद्वाज के साथ बदसुलूकी की गई। इस बीच पुलिस फोर्स कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद थी। बाद में पुलिस ने वकीलों पर लाठी चार्ज कर दिया। इस दौरान महिला वकीलों को भी पीटा गया। वकीलों ने अपना गुस्सा कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों पर भी उतारा। वकीलों ने उनके साथ मारपीट करने के अलावा मोबाइल भी छीन लिए। कोर्ट के बाहर वीडियो बना रहे आम लोगों के मोबाइल वकीलों ने छीने। इसी बीच आसपास के जिलों व थानों से पुलिस फोर्स बुला ली गई।