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जामिया हिंसा: छात्र ने मांगा 2 करोड़ रुपये का मुआवजा
नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा का मामला एक बार फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली हाई कोर्ट में जामिया के छात्र शाययान मुजीब ने 2 करोड़ रुपये के मुआवजे के लिए याचिका लगाई है. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
अपनी याचिका में छात्र शाययान मुजीब ने कहा कि लाइब्रेरी में पुलिसकर्मियों ने उसके दोनों पैरों को तोड़ दिया और वह चलने फिरने तक में असमर्थ है, वो अपने इलाज पर लाखों रुपए खर्च कर चुका है. हाईकोर्ट ने जामिया से जुड़ी बाकी और याचिकाओं के साथ ही मुजीब की याचिका को भी क्लब कर दिया है. इन याचिकाओं पर जून में सुनवाई होगी।
इस बीच जामिया हिंसा में तीन वीडियो सामने आए है. एक वीडियो जामिया के छात्र लेकर आए, जिसमें पुलिस छात्रों को पीटते दिख रही है तो जवाब में दिल्ली पुलिस का वीडियो भी आ गया, जिसमें उपद्रवी छात्र लाइब्रेरी में जमा होते और हाथों में पत्थर लिए दिख रहे हैं. हलांकि इनकी सच्चाई साबित होना अभी बाकी है.
जामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को हुई बर्बरता से जुड़ा एक वीडियो सुबह सुबह सामने आने के बाद दो और नए वीडियो सामने आए. पहले वीडियो में जहां सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए तो वहीं दूसरे और तीसरे वीडियो में कुछ छात्र लाइब्रेरी में घुसते हुए दिखाई दे रहे हैं. इनके हाथ में पत्थर भी हैं.
पहले वीडियो में लाइब्रेरी में कुछ छात्र पढ़ रहे हैं. माहौल शांत है, अचानक कुछ हलचल होती है. छात्र अपनी जगह पर दुबकने लगते हैं और फिर फ्रेम में एंट्री होती है, सिर में हेलमेट और हाथ में डंडो से लैस करीब दर्जनभर पैरामिलिट्री फोर्सेज की. जवान लाइब्रेरी में बैठे छात्रों को पीटते दिखाई दिए.
इस वीडियो के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो वीडियो जारी किया. इसमें छात्र बदहवासी में लाइब्रेरी के अंदर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे वो छुपने की कोशिश कर रहे हैं. इसी में नकाब और रुमाल से ढके कई चेहरे दिख रहे हैं. ये लाइब्रेरी की टेबल को खिसका कर लाइब्रेरी का दरवाजा बंद करते हैं. बाहर से आ रहे इन छात्रों में कुछ के हाथ में पत्थर भी हैं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 पारित होने के तुरंत बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया. विरोध में निकाला गया मार्च जल्द ही हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने स्टूडेंट्स पर जमकर लाठी चलाई. उस समय पुलिस पर आरोप लगा कि जामिया की लाइब्रेरी में बैठे स्टूडेंट्स के साथ बर्बरता की गई. साथ ही पुलिस पर लाइब्रेरी में घुसकर तोड़फोड़ का आरोप भी लगाया गया. पुलिस ने सफाई में कहा कि स्टूडेंटस पर हल्का बल प्रयोग किया गया था.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) से 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पुलिस हिंसा की जांच शुरू करने का अनुरोध किया है।