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JNU अंधेरगर्दी : पुलिस-प्रशासन को देने होंगे इन सवालों के जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर हिंसा भड़की है. रविवार देर रात को कुछ नकाबपोश हमलावरों ने यहां छात्रों-फैकल्टी मेंबर पर हमला कर दिया, जिसमें दो दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए हैं।
कैंपस में चार घंटों तक अराजकता का माहौल रहा, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन सामने तक नहीं आया। प्रशासन ने जख्मी छात्रों को अस्तपाल तक नहीं पहुंचाया। इसके अलावा कैंपस को शांत करने केलिए पुलिस को कैंपस के अंदर आने तक नहीं दिया गया।
कैंपस में कैसे घुसे नकाबपोश गुंडे, क्या कर रही थी सिक्योरिटी?
जेएनयू में हुए बवाल के बाद जो सबसे पहला सवाल उठ रहा है वो ये कि आखिर इतने सुरक्षित कैंपस में लाठी-डंडों के साथ नकाबपोश गुंडे इतनी तादाद में कैसे घुसे? जिस कैंपस में घुसने के लिए मीडिया को भी अपना आई कार्ड दिखाना पड़ता है और जहां हर आगंतुक किससे मिलने आया है उससे फोन पर कंफर्म होने के बाद ही आगंतुक को एंट्री दी जाती है। वहां 50 से अधिक लोग नकाब पहनकर घुस आए और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की ये कैसे संभव है?
पुलिस-प्रशासन को देने होंगे इन सवालों के जवाब
सुरक्षा गार्ड हर गेट पर तैनात होते हैं। ऐसे में हाथों में लाठी लेकर बाहरी युवा कैंपस में कैसे प्रवेश करते हैं?
कैंपस में चार घंटे तक अराजकता का माहौल रहा, ऐसे में सुरक्षा गार्ड ने उन युवकों को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?
चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर केपास अधिकार रहता है कि कैंपस में इस प्रकार छात्र गुटों में मारपीट होने पर वह पुलिस को बुला सकता है।
रविवार को जब कैंपस व हॉस्टल व ढाबा में मारपीट चल रही तो उन्होंने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
जेएनयू कैंपस के अंदर ही कुलपति, रजिस्ट्रार समेत अन्य पदाधिकारियों के भी घर हैं। कैंपस में इतनी मारपीट होने केबाद विश्वविद्यालय प्रशासनिक अधिकारी होने केनाते वे घरों से बाहर क्यों नहीं निकले?
जेएनयू हिंसा में कई छात्र बुरी तरह घायल हो गए। कई छात्रों के तो सिर तक फट गए थे लेकिन जेएनयू प्रशासन ने जख्मी छात्रों को अस्पताल नहीं पहुंचाया। आखिर ऐसा क्यों हुआ कि प्रशासन ने छात्रों को अस्पताल तक नहीं पहुंचाया?
जब सारा कैंपस के अंदर सारा बवाल चल रहा था तो पुलिस मुख्य गेट के बाहर खड़ी रही। आखिर ऐसा क्यों हुआ कि पुलिस मुख्य गेट के बाहर रही। पुलिस करीब पौने नौ बजे पुलिस को कैंपस में आने की अनुमति मिली।