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निर्भया के दोषियों को फांसी देते समय जल्लाद हो जाए बेहोश तो जानिए क्या होगा ?
नई दिल्ली : निर्भया (Nirbhaya Case) के साथ गैंगरेप (Gang Rape) और उसकी मौत के मामले में चारों दोषियों को फांसी देने का समय नजदीक आ गया है। ऐसे में सवाल है कि निर्भया (Nirnhaya) के दोषियों को फांसी देते वक्त अगर जल्लाद (Jallad) बेहोश हो गया तो फिर क्या होगा? इस बात की आशंका को देखते हुए तिहाड़ जेल में वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं। हालांकि, जेल सूत्रों का कहना है कि इस बात का डर बेहद कम है कि जल्लाद ही बेहोश होकर गिर पड़े। दरअसल, मेरठ से पवन जल्लाद फांसी देने के लिए आएंगे। असल में उनके लिए भी फांसी देने का यह पहला तजुर्बा होगा। इससे पहले तक उन्होंने बस फांसी देने में अपने दादा की मदद की है। ऐसे में इस बात को पूरी तरह दरकिनार नहीं किया जा सकता कि फांसी देने के ऐन वक्त कहीं जल्लाद के ही पैर ना लड़खड़ा जाएं।
जेल सूत्रों का कहना है कि चारों को फांसी पर लटकाने से पहले हर तरह की शंकाओं को देखा और समझा जा रहा है। इसी वजह से बार-बार ट्रायल भी किए जा रहे हैं और जल्लाद को भी दो दिन पहले बुलाया जा रहा है। ताकि कहीं कोई कमी नजर आती है तो उसे समय रहते दुरुस्त किया जा सके। इसी के तहत अगर ऐन मौके पर जल्लाद बेहोश हो जाता है तो फिर जेल स्टाफ ही इन चारों को फांसी पर लटका देगा। जेल अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार होगा। संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को भी फांसी पर लटकाने के लिए किसी जल्लाद को नहीं बुलाया गया था। जेल स्टाफ ने ही उसे फांसी दी थी। इसलिए यह कोई नियम नहीं है कि कैदी को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लाद की जरूरत होगी ही।
तिहाड़ जेल अधिकारियों का कहना है कि अभी तक की तय डेट के हिसाब से चारों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाया जाना था, लेकिन दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की थी, जिस वजह से फांसी की तारीख हटा दी गई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी की दया याचिका खारिज कर दी है। दोषियों को अब 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा।