दिल्ली

आसिफ खान से 'आशु गुरु जी' बनने का सामने आया पूरा कच्चा चिट्ठा, पढ़कर हैरान रह जाएंगे!

Arun Mishra
16 Sep 2018 9:23 AM GMT
आसिफ खान से आशु गुरु जी बनने का सामने आया पूरा कच्चा चिट्ठा, पढ़कर हैरान रह जाएंगे!
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इस कथित महाराज ने कहा, 'मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर मुझे इतना पैसा नहीं मिलता, जितना की हिंदू धर्मगुरु बनने पर।

नई दिल्ली : मां-बेटी से रेप के मामले में गिरफ्तार आसिफ मोहम्मद खान के आशु महाराज बनने के राज से काफी हद तक पर्दा उठ गया है। क्राइम ब्रांच के अफसरों के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में इस कथित महाराज ने कहा, 'मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर मुझे इतना पैसा नहीं मिलता, जितना की हिंदू धर्मगुरु बनने पर। बस इसके लिए मुझे केवल आसिफ से आशु महाराज ही तो बनना था। मेरे ऐसा करते ही धंधा चल निकला और मेरे दरबार में अंधविश्वासी लोग नोटों की थैली भरकर मत्था टेकने लगे।'

पहले भी हुआ है गिरफ्तार

कई साल पहले भी इस शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 'आशु भाई गुरुजी' पर 2003 में आईपीसी की धारा 328/508/420/34 के तहत दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले में सहयोगी विरेन्द्र सिंह उर्फ बबली को भी आरोपी बनाया गया था. 'आशु भाई गुरुजी' और बबली को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत मिल गई थी. 2003-04 में फिर पुलिस की नजर में बाबा आया था. तब बाबा के रोहणी आश्रम के पड़ोसी ने मारपीट का इल्जाम लगाया था. मारपीट के इस मामले में बाबा पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 107,51 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था.

असली नाम है आसिफ खान

ज्योतिषाचार्य का चोला ओढ़े इस बाबा का असली नाम है आसिफ खान. निर्वाचन आयोग की वोटर लिस्ट में भी आशु भाई गुरुजी की फोटो के सामने उसका नाम आसिफ खान लिखा हुआ है. उसके बेटे की फोटो के सामने उसका नाम समर खान लिखा हुआ है. आपको बता दें कि एक महिला ने आरोप लगाया था कि बाबा ने दिल्ली के अपने आश्रम में उसके साथ कई सालों तक रेप किया. महिला के मुताबिक, बाबा के बेटे और दोस्तों ने भी उनके साथ यौन शोषण किया.

पुलिस पूछताछ में आसिफ ने बताया, 'असल में मुस्लिम समुदाय धर्म के नाम पर इतना पैसा खर्च नहीं करता, जितना कि हिंदू समुदाय करता है। बस इसके लिए लोगों को जरा-सा डराने की जरूरत होती है।' इसके अलावा उसने कहा, 'अगर सलाह से किसी एक को भी थोड़ा आराम मिलना शुरू हो गया तो बस लोगों की जेबों से पैसे अपने आप ढीले होने लगते हैं। लोगों की इसी कमजोरी का फायदा हमें उठाना होता है।'

गौरतलब है कि आसिफ उर्फ आशु महाराज दिल्ली की पॉश कॉलोनी हौजखास में आश्रम बनाकर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहा था। वह कभी पंक्चर बनाने का काम करता था। इसके बाद आसिफ नाम बदलकर आशु बन गया और लोगों का भविष्य बताने का काम करने लगा। वह हाथ देखने के एवज में 25,000 रुपये फीस लेता था। इतना ही नहीं वह अपने क्लाइंटों से दिल्ली के फाइव स्टार होटलों में मुलाकात करता था।

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