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राम के नाम पर ठगने वाली बीजेपी अब अम्बेडकर के नाम पर दलितों को ठकेगी!
पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी ने हिंदू धर्म को एक करने का प्रयास किया. यह प्रयास सिर्फ इस नाम पर किया गया कि अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार एक बार बन जाय तो श्री राम जी का मंदिर निर्माण हो जाय. हिंदू ने सभी मतभेद भुलाकर वोट किया सरकार बनाई पर मंदिर नहीं बना.
आपको बता दें कि बार बार अपनी बात से बदलने बाली बीजेपी अब किस मुद्दे पर 2019 में वोट मांगने जनता से जायगी यह समझ नहीं आ रहा है. अब बीजेपी अम्बेडकर की पूजा कर दलित एकता के नाम पर दलितों का वोट लेकर 2019 में सत्ता वापसी का सपना संजोये हुई थी. लेकिन एससी एसटी एक्ट ने बीच में आकर बीजेपी के सपनों को फिलहाल धूमिल कर दिया है. इसका ताजा उदाहरण कर्नाटक में देखने को मिला जहाँ पहली बार बीजेपी प्रचार में भी पिछडती नजर आ रही है.
वहीँ दलितों में भी भारी रोष है जबकि इन बातों से बाकी हिन्दू भी नाराज है. पहले हिंदू मुस्लिम लड़ाई और अब हिंदुओं में आपस में ही झगड़ा किस और इशारा करता है. हालांकि देश में झगड़े फसाद की नहीं रोजी रोटी की आवश्यकता है. देश में खुशहाली को लेकर अच्छे अच्छे कार्य करने वाली सरकार को किसी प्रचार प्रसार की आवश्यकता नहीं होती है. अब सभी लोग रोजगार और धंधे पानी की बात करते है. झगड़े फसाद की नहीं.