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मौसमी चटर्जी की बेटी पायल का निधन, इस गंभीर बीमारी से रही थीं जूझ
नई दिल्ली : अभिनेत्री मौसमी चटर्जी की बेटी पायल का शुक्रवार को निधन हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- पायल काफी लंबे समय से बीमार चल रही थीं. वह जुवेनाइल डायबिटीज से पीड़ित थीं और 2017 से ही इस बीमारी से लड़ रही थीं. 2018 में उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वह कोमा में चली गई थीं.
पति डिकी सिन्हा पर मां मौसमी चटर्जी ने लगाए थे आरोप
पायल सिन्हा की तबीयत के चलते मौसमी चटर्जी ने उनके पति डिकी पर उनकी ठीक से देखभाल न करने के आरोप लगाए थे. उनका आरोप था कि डिकी ने पायल की फिजियोथैरेपी बंद करवा दी थी. इसके लिए मौसमी और उनके पति ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. उन्होंने कोर्ट को लिखा कि 28 अप्रैल 2018 में पायल को अस्पताल से घर लाया गया. डिकी ने देखभाल के लिए नर्सें रखीं. डॉक्टर ने फिजियोथेरेपी और डाइट का खास ख्याल रखने को कहा था. लेकिन इसे फॉलो नहीं किया गया. डिकी ने ना फिजियोथेरेपी कराई ना ही पायल की डाइट में बदलाव किया. स्टाफ की पेमेंट बंद कर दी. नर्सें चली गई हैं. पायल की मेडिकल रिपोर्ट दिखाने से दामाद ने मना कर दिया है. डिकी हमें पायल से मिलने भी नहीं देता.
क्या है जुवेनाइल डायबिटीज
जुवेनाइल डायबिटीज को टाइप 1 डायबिटीज के नाम से भी जाना जाता है. ये बच्चों में इंसुलिन नहीं बनने के कारण होती है. टाइप 1 डायबिटीज एक प्रकार से ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें जीन में गड़बड़ी इसका प्रमुख कारण है. दरअसल, पेन्क्रियाज हमारे शरीर का प्रमुख अंग है, जिसकी इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से जब नष्ट हो जाती है तो इंसुलिन बनना कम या बंद हो जाता है. इससे ब्लड शुगर का स्तर अनियमित होने लगता है.
टाइप-1 डायबिटीज में रोगी में लक्षण तुरंत दिखते हैं. जैसे प्यास, यूरिन व भूख का अचानक बढ़ना प्रमुख लक्षण है. इसके अलावा पर्याप्त भोजन करने के बावजूद वजन न बढ़ने व धुंधला दिखाई देने जैसी समस्या होती है.कई बार समय से लक्षणों की पहचान न होने से बच्चे को कीटोएसिडोसिस हो जाता है, जो जानलेवा है.