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गोवा में गे कपल की शादी में हाथी पर निकली बारात, मचा हंगामा और फिर जांच का हुआ आदेश
पणजी: गोवा में दो समलैंगिकों की शादी के दौरान हाथी के इस्तेमाल पर विवाद खड़ा हो गया है। सामाजिक, एलजीबीटी (लेज्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर) कार्यकर्ताओं और ऐनिमल ऐक्टिविस्ट्स ने राज्य के चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन से इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने तुरंत ऐक्शन लेने की मांग की है। मामले की जांच डेप्युटी कन्जर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट को सौंपी गई है।
सजे हुए हाथी पर बैठा था गे कपल
सीसाइड रिजॉर्ट में हुई इस शादी से पहले निकली बारात में सजे हुए हाथी पर कपल (दोनों पुरुष) बैठे हुए थे। इसके बाद रिजॉर्ट में बारात की भव्य एंट्री हुई। एलजीबीटी समुदाय से जुड़े हरीश अय्यर का कहना है, 'एक समुदाय के तौर पर जिसने भेदभाव और दमन का कष्ट सहा, उसे ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए। जंगली पशुओं का मनोरंजन, किसी समारोह या जॉय राइड के लिए इस्तेमाल बहुत गलत संदेश देता है।'
हरीश ने कहा कि यह दूसरे लोगों के लिए गलत मिसाल पेश करता है। उन्होंने कहा, 'अगर दो विपरीत लिंग के लोगों ने भी अपनी शादी में में इसका इस्तेमाल किया होता तो भी मुझे उतना ही बुरा लगता।' सूत्रों के मुताबिक इस हाई प्रोफाइल शादी में बॉलिवुड ऐक्ट्रेस कटरीना कैफ भी शामिल हुईं।
वाइल्डलाइफ ऐक्ट के उल्लंघन का आरोप
वाइल्डलाइफ (प्रटेक्शन) संशोधन ऐक्ट 2002 के मुताबिक किसी कमर्शल गतिविधि के लिए हाथी को किराए पर लेना प्रतिबंधित है। ये जानवर ऐक्ट के शेड्यूल-1 में संरक्षित प्रजातियों की श्रेणी में आते हैं। गोवा के वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन संतोष कुमार और पीपल फॉर ऐनिमल्स के अध्यक्ष को सामाजिक कार्यकर्ता नोर्मा अल्वेयर्स ने खत लिखकर मामले की जांच की मांग की है। पत्र में मांग की गई है कि इस बात की जांच हो कि आखिर कैसे हाथी के इस्तेमाल के लिए ट्रैवल परमिट दिया गया।
पार्टियों में हाथी के इस्तेमाल पर रोक की मांग
अल्वेयर्स ने लिखा है, 'रिजॉर्ट स्टाफ से हमारी छोटी पूछताछ में पता चला है कि हाथी का एक वेडिंग प्लानर ने इंतजाम किया था। हाथी को एक गाड़ी में हाइवे के रास्ते लाया गया। इसके बाद उसे पैदल शादी के आयोजन स्थल पर लाया गया। यह जगह डोना पाउला से ऊंचाई पर स्थित है।' अल्वेयर्स का कहना है कि हाथी गोवा की एक मसाला फार्म का था और जंगल विभाग को ऐसी गैरकानूनी पार्टियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
अपनी शिकायत में उन्होंने कहा, 'इस घटना से साबित हुआ है कि हाथियों को लगातार गोवा में इस्तेमाल किया जा रहा है। अब हमारे पास हाई कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है, जिससे हाथियों के संरक्षण और कल्याण के लिए समुचित आदेश की मांग की जाए।'
जानवरों के खिलाफ क्रूरता का मामला
इस बीच वन अधिकारी संतोष कुमार ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस मामले को नॉर्थ गोवा डेप्युटी कन्जर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (डीसीएफ) के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा, 'यह जानवरों के खिलाफ क्रूरता का मामला है, इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग और पशुपालन विभाग ऐक्शन लेगा। अगर हाथी को गैरकानूनी तरीके से लाकर इस्तेमाल किया गया है तो हम कार्रवाई करेंगे। हमें इस मामले में पूछताछ और जांच करनी है।'
गोवा में मसाले के फार्मों में 10 हाथी
डीसीएफ कुलदीप शर्मा का कहना है, 'गोवा में मसाले के फार्मों में 10 पालतू हाथी हैं। इनमें से एक को हाल ही में एक अयप्पा मंदिर ने धार्मिक समारोह के लिए हायर किया था। यहां हाथी की पूजा की गई थी।' उन्होंने कहा कि मंदिर को इस शर्त पर हाथी के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी कि इसका उपयोग मनोरंजन या व्यावसायिक गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा।