गुजरात

ये तस्वीर मुझे ग़ुस्से और घृणा से भर दे रही है, क्यों कही ये एक महिला प्रोफेसर ने बात?

Special Coverage News
4 Jun 2019 3:49 AM GMT
ये तस्वीर मुझे ग़ुस्से और घृणा से भर दे रही है, क्यों कही ये एक महिला प्रोफेसर ने बात?
x

दिल्ली युनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर ने यह बात लिखकर बड़ा ही माहौल को गमगीन बना दिया है. कभी कभी लगता है कि धिक्कार है हमें जो हम सब कुछ बड़े दी ख़ुशी से सह लेते है. चूँकि देश के इसी प्रदेश से सबका साथ और सबका विकास का नारा निकला है.

देखिये क्या लिखा इस प्रोफेसर ने

मैं बार बार लड़की के हाथ पर लगा कैन्यूला देखती हूँ और साथ में याद करती हूँ उस विडीओ में चीख़ की वो आवाज़ें. पूरी ताक़त से बरसते विधायक के लात-घूँसे. ये कैन्यूला मुझे उसके शरीर पर लगे घावों की पहचान करा रहा है. शरीर के घाव तो फिर भर जाएँगे लेकिन उसके मन की क्या दशा होगी यह सोच कर भी जी बैठ रहा मेरा।

उन्होंने कहा कि फिर इस विधायक का चेहरा देखती हूँ. घिन्नाता हुआ चेहरा. राजनीति का सबसे विकृत चेहरा.उसके हाथ पर लगा कैन्यूला देखती हूँ,वो अभी हॉस्पिटल से उठ कर आयी ही है बस. कैन्यूला अभी निकाला नहीं गया.

हम सबको अब इस मक्कारी और गुंडई को सहने की जो आदत हो चली है उसके बारे में सोचती हूँ और फिर इस लड़की में ख़ुद को देखती हूँ. पूछती हूँ ख़ुद से, 'मैं होती तो क्या करती'. जो जवाब मिल रहा है वो मुझे ग़ुस्से और घृणा से भर दे रहा है.

यह घटना का गुजरात में घटी है. जिसको देश में माडल बनाकर पेश किया गया था यह उस प्रदेश के चुने हुए जन प्रतिनिधि के द्वारा कारित की गई है. जिसने उस महिला को चंद पानी के लिए बुरी तरह सरेआम पीटा जबकि महिला को सरेआम पीटने पर पुलिस तुरंत संगीन धाराओं में मुकद्दमा दर्ज करती है. लेकिन इस में मुकद्दमा दर्ज नहीं हुआ उलटे उस पीटने वाली बहिन ने बड़ी ख़ुशी ख़ुशी उस विधायक को भाई बना लिया ताकि वो फिर न उससे पिट जाए?

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story