गुजरात

बर्खास्त IPS संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा, जानें- पूरा मामला

Special Coverage News
20 Jun 2019 6:58 AM GMT
बर्खास्त IPS संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा, जानें- पूरा मामला
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दरअसल, 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी. न्यायिक हिरासत में रहने के बाद एक आरोपी प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत हो गई

नई दिल्ली : गुजरात की जामनगर कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साल 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हो गई थी. उस दौरान संजीव भट्ट जामनकर के एएसपी थे. हिंसा के दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

न्यायिक हिरासत में रहने के बाद एक आरोपी प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत हो गई. भट्ट और उनके सहयोगियों पर पुलिस हिरासत में मारपीट का आरोप लगा था. इस मामले में संजीव भट्ट व अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी. 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी.

बुधवार (12 जून) को सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. भट्ट ने याचिका में अपने खिलाफ हिरासत में हुई मौत के मामले में गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी. संजीव भट्ट गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अफसर हैं. भट्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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