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बलात्कारियों की हवस पर लगाम लगाएगी ये 'रेप प्रूफ पैंटी' , महिलाएं जरुर पढ़ें ये खबर

बलात्कारियों की हवस पर लगाम लगाएगी ये रेप प्रूफ पैंटी , महिलाएं जरुर पढ़ें ये खबर
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19 साल की सीनू कुमारी ने महिलाओं और बच्चियों के लिए ऐसा मॉडल तैयार किया है जो रेप और जबरदस्ती जैसी घटनाओं से महिलाओं और बच्चियों को बचा सकती हैं. सात साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या के बाद बीएससी स्टूडेंट सीनू को झकझोर कर रख दिया था. जिसके बाद उन्होंने ठान लिया की वह महिलाओं और बच्चियों के लिए कुछ ऐसा करेंगी जिसके बाद भविष्य में रेप और जबरदस्ती की घटना ना हो. इसी जज्बे के साथ सीनू ने रेप प्रूफ पैंटी तैयार की.
जानिये इस पैंटी की खासयित
आपको पढ़कर और सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा कि भला ये रेप प्रूफ पैंटी कैसे रेप जैसी घटनाएं रोक सकती हैं. बता दें, ये कोई आम पैंटी नहीं है. बल्कि नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से लैस पैंटी है, जिसमें स्मार्टलॉक लगा है, जो पासवर्ड से ही खुल सकता है. लोकेशन की सही जानकारी बताने के लिए इसमें जीपीआरएस सिस्टम है और घटनास्थल की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए रिकॉर्डर भी लगा है.
मंत्री मेनका गांधी ने की तारीफ
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक जब केंद्रीय बाल एवं महिला विकास मंत्री मेनका गांधी तक बात पहुंची, तो उन्होंने सीनू के इस मॉडल को सराहा और उन्हें भविष्य में ऐसे अविष्कारों के लिए शुभकामनाएं दीं.
इस तरह आया रेप प्रूफ पैंटी बनाने का ख्याल
सीनू बीएससी थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं और इस तरह के कई मॉडल बनाती रहती हैं. वह रोजाना हो रही रेप की घटनाओं से दुखी थी, एक दिन सात साल की बच्ची से रेप और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या की खबर पढ़कर मैं अंदर तक हिल गई थी. जिसके बाद उन्होंने रेप से बचाने वाला मॉडल तैयार किया.
ब्लेडप्रूफ कपड़े और रिकॉर्डर के साथ तैयार हुई पैंटी
इस पैंटी को तैयार करने के लिए खास मेहनत की गई है. पैंटी में एक स्मार्टलॉक लगा है, जो पासवर्ड के बिना नहीं खुल सकता. यह पैंटी ब्लेडप्रूफ कपड़े की बनी है, जिसे चाकू या किसी भी धारदार हथियार से काटा नहीं जा सकता और न ही जलाया जा सकता है. इसमें एक बटन लगा है, जिसे दबाने पर 100 या 1090 नंबर पर ऑटोमैटिकली कॉल चला जाएगा और जीपीआरएस सिस्टम की मदद से पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाएगी. पैंटी में रिकॉर्डर भी लगा है, जिसमें घटनास्थल की सारी बातें रिकॉर्ड हो जाएंगी.
मॉडल और हो सकता है बेहतर
इस मॉडल को बनाने के लिए सीनू की कोशिश सराहनीय हैं. लेकिन अभी इस मॉडल को बेहतर करने के लिए पैंटी का पेटेंट कराने के लिए आवेदन इलाहाबाद स्थित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) के पास भेजा गया है. सीनू ने बताया कि इस पैंटी मॉडल को तैयार करने में 5,000 रुपये तक का खर्च आया. वहीं सीनू रेल दुर्घटना से बचने में सहायक एक उपकरण पर भी काम कर रही हैं, जो बढ़ रही रेल दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है.
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