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व्यक्ति के जीवन में ज्योतिषानुसार खाद्य पदार्थों के प्रभाव
राहुल वालिया ज्योतिषाचार्य
हमारे रोजमर्रा के जीवन में जिस प्रकार सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार ईश्वर की आराधना व भजन महत्वपूर्ण है, ठीक उसी प्रकार भोजन भी बहुत महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में शुद्ध शाकाहारी भोजन के बहुत लाभ हैं । आज हम इस आलेख के माध्यम से ज्योतिषानुसार भोजन से संबंधित कुछ तथ्यों को जानते हैं।
यदि आप कम कैल्शियम और कम विटामिन वाले या जंक फूड वाले खाद्य पदार्थ अधिक लेते हैं, तो उस व्यक्ति का सूर्य नकारात्मक होता है। जिस व्यक्ति का सूर्य प्रबल होता है वह व्यक्ति हमेशा अधिक पौष्टिक शुद्ध भोजन खाएगा, जिससे हमेशा उसका आत्मविश्वास अच्छा रहता है और साथ ही साथ उसमें दृढ़ इच्छाशक्ति भी होगी।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में ऋणात्मक प्रभाव प्रबल होगा वो शनि ग्रह की पसंदीदा काली दाल (उड़द की दाल) और कड़वा खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करेगा। ऐसे लोग उचित समय पर सही ढंग से अपना खाना कभी नहीं खा पाते है। उदाहरण के लिए वे रात में देर से खाना खाते हैं। उन में अधिक मात्रा में खाने की प्रवृत्ति होगी और खाने के तुरंत बाद वो सोना चाहेंगे। वे अधिक चाय या कॉफी भी पीएंगे।
मजबूत मंगल ग्रह के प्रभाव वाला जातक हमेशा शाकाहार की आकर्षित होता है। यह भी देखा गया है कि जो लोग जीवन में असफल होते थे लेकिन वो अब जीवन की जद्दोजहद में संघर्ष करके आगे बढ़ रहे है, वो खुद को अधिक पौष्टिक, सरल और शाकाहारी भोजन की ओर धीरे-धीरे परिवर्तन कर रहे थे, जिससे उनका मंगल ग्रह मजबूत हुआ और उनको जीवन में सफलता मिली। जिस भी व्यक्ति पर मंगल का नकारात्मक प्रभाव होता है, उसमें मांस-मच्छी या अन्य मासाहारी भोजन को अधिक खाने की इच्छा अधिक बनाता है। जिसके चलते उसको यकृत या गुर्दे में संबंधित समस्याएं अधिक पैदा होती हैं। अक्सर नकारात्मक मंगल वाले लोग उन स्थानों पर जाने से इन्कार कर सकते हैं जहां उनके लिए मांस खाने का विकल्प नहीं होता हैं।
किसी व्यक्ति के द्वारा बहुत सारी मिठाई खाने का अचानक आग्रह एक अच्छा संकेत नहीं है। यह शुक्र के नकारात्मक मोड़ दिखाता है, इसलिए इसके बारे में सावधान रहें सतर्क रहें। नसों में समस्या शरीर में शनि तत्व की वृद्धि के कारण होती है। यदि कोई व्यक्ति शनि को प्रभावित करने वाला भोजन खाता है जो शरीर में गैस का कारण बनता है, तो ऐसा भोजन निश्चित रूप से हमारी तंत्रिकाओं में अधिक समस्याओं उत्पन्न कर सकता है। वैसे जब भी किसी के जीवन में एक ग्रह परिवर्तन होता है, तो उस व्यक्ति की भोजन करने की आदतें भी बदल जाती हैं।
भोजन और व्यक्तित्व :-
जो लोग बहुत खाते हैं, जैसे कि कल खाने के लिए कुछ होगा ही नहीं उनके पास हमेशा कम इच्छा शक्ति होती है। इस प्रकार के लोग दूसरों की राजनीति से बहुत ही आसानी से प्रभावित हो जाते हैं, वो अक्सर षड्यंत्र का शिकार भी बन जाते हैं। जो लोग अपने मुंह में रखे भोजन के प्रत्येक अनाज को अलग-अलग चुध कर खाते हैं उनके जीवन में आमतौर पर कुछ प्रकार की व्यक्तिगत, शारिरिक व सामाजिक समस्याएं होती हैं। जो लोग अपने भोजन में हर समय दोष निकालते रहते हैं उन्हें कुछ न कुछ बीमारी अक्सर बनी रहती है।
जो लोग बहुत तेजी से खाते हैं - वो उनके जीवन में भविष्य में चिंता में वृद्धि दर्शाता है, उनकी हृदय गति आमतौर पर सामान्य से तेज होती है।
जो लोग खाना खाते समय खाने को जोर से जोर से ताकत लगा के चबाते हैं, वे अपनी किस्मत को नकारात्मक बनाते हैं और अपने व्यक्तित्व को भी कमजोर करते हैं। यह व्यक्ति में रक्त, त्वचा, और एक कमजोर दिल वाले रोगों की समस्याएं दिखाता है। जो लोग यह जानना पसंद करते हैं कि खाना कैसे बनाया गया था और खाना खाते समय खाने की आलोचना करना पसंद था कि यह सब कुछ कैसे बनाया गया, आमतौर पर उनके पेट में समस्याएं होती हैं।
जो लोग अक्सर अपनी प्लेटों में खाना को छोड़ते हैं उन्हें अपने जीवन में कुछ गंभीर दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। इसलिए कभी भी खाने को खराब नहीं करना चाहिए ।
स्वयं-विश्लेषण :-
आप कितनी बार चाट, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, समोसा, नूडल्स, आइसक्रीम, बिस्कुट, नमकीन, चिप्स, केचप जैसे जंक फूड खाते हैं ? यदि आप सप्ताह में एक से अधिक बार खाते हैं, तो यह आपके और आपके बच्चों पर भी कई समस्याएं पैदा कर सकता है। ये शरीर में पित्त का कारण बनता है जो पेट आदि की अन्य समस्याओं के बीच त्वचा की समस्या का भी कारण बन सकता है। यदि आप आयेदिन मांस खाते हैं, तो यह भी ऐसा कुछ नहीं है जिसमें ज्योतिष में कोई सकारात्मक अर्थ हो इसका भी ज्योतिषानुसार शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ता है। क्या आप आयेदिन अधिक कड़वा/ कॉफी या कड़क चाय आदि पीते हैं ? या 2 कप से अधिक सेवन करते है तो यह शरीर के लिए अच्छा नहीं है। यदि आप बहुत सारी चाय (2 कप से अधिक) दिन में पीते हैं, तो चाय में ज्यादा दूध या चीनी न डालकर उसके दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। आप कम या ज्यादा चाहे जितनी शराब का सेवन करते हैं ? शराब की कोई भी मात्रा ज्योतिषानुसार ग्रह दवाओं के लिए खराब है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके शनि, मंगल, या बृहस्पति छठें भाव के स्वामी हैं। ऐसे लोगों को अल्कोहल की गंध या शराब पीने वाले लोगों से भी दूर रहना चाहिए। आप कितनी बार घर में पकाया खाना नहीं खाते हैं या ये कहे कि सप्ताह में दो बार से अधिक बाहर का खाना खाने की कोशिश न करें खासकर वो लोग जिनका बुध ग्रह कमजोर है।