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पीपीटी के अनुसार रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार की दोषी है म्यांमार सरकार
अंतर्राष्ट्रीय पीपुल्स ट्रिब्यूनल ने रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार का दोषी म्यांमार की सरकार को क़रार दिया है।शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय पीपुल्स ट्रिब्यूनल का फ़ैसला आया जिसमें कहा गया है कि म्यांमार की सेना द्वारा 'सुनियोजित ढंग से नागरिकों को निशाना बनाने' और उनके दूसरे कृत्यों को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
परमानेंट पीपुल्स ट्रिब्यूनल (पीपीटी) की सात सदस्यीय पीठ ने कहा कि म्यांमार की सेना अपनी ज़िम्मेदारी की बजाय अपराध कर रही है।रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध देश मं जारी अत्याचार और अपराध पर सुनवाई कर रही कोर्ट के फ़ैसले में कहा गया है कि प्राप्त सबूतों के आधार पर ट्रिब्यूनल सहमति से इस फैसले पर पहुंचा है कि म्यांमार सरकार का रोहिंग्या और दूसरे मुस्लिम समूहों के जनसंहार का इरादा है।
फ़ैसले में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ जनसंहार जारी है और इसे रोका नहीं गया तो भविष्य में हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। पीपीटी ने कुआलालंपुर में यह सुनवाई ऐसे समय में की जब अपने देश में हो रही हिंसात्मक कार्यवाही से बचने के लिए लाखों रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर गए हैं।