राष्ट्रीय

रोहिंग्या शिविर के बीच बांटे जा रहे थे कॉन्डम, तब 14 बच्चों के बाप ने दिया चौकानें वाला बयान

रोहिंग्या शिविर के बीच बांटे जा रहे थे कॉन्डम, तब 14 बच्चों के बाप ने दिया चौकानें वाला बयान
x
बांग्लादेश को अपने यहां शरणार्थी शिविरों में भरे पड़े लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच जनसंख्या नियंत्रण के उपाय शुरू करने पड़े हैं। बांग्लादेश को इस बात का भय है कि शरणार्थी कैंपों में अगर जनसंख्या तेजी से बढ़ी तो यह मानवीय त्रासदी और भयानक रूप ले लेगी। बांग्लादेश ने शिविरों में फैमिली प्लानिंग की टीमें तैनात की हैं और कॉन्डम समेत अन्य गर्भनिरोधक बांटे जा रहे हैं।

25 अगस्त से लेकर अबतक बांग्लादेश के कैंपों में 4 लाख 20 के करीब रोहिंग्या शरणार्थी आ चुके हैं। बांग्लादेश के अधिकारियों ने इनमें पहले ही करीब 70000 नई या गर्भवती मांओं की पहचान कर ली है। उन्हें डर है कि अगर हस्तक्षेप नहीं किया गया तो आने वाले महीनों में रोहिंग्या शरणार्थियों की जनसंख्या का दबाव काफी बढ़ सकता है।

परिवार नियोजन विभाग के हेड पिंटू कांति भट्टाचार्य का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के 6, 7, 8, 9, 10-10 बच्चे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि अगर शरणार्थी और 6 महीने बांग्लादेश में रुके तो 20 हजार नए बच्चे पैदा हो जाएंगे। उनका कहना है कि अब शरणार्थियों के बीच जाकर उन्हें परिवार नियोजन के बारे में बताया जा रहा है।

हालांकि यह सबकुछ इतना आसान भी नहीं है। पिंटू कांति के मुताबिक रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए परिवार नियोजन का कॉन्सेप्ट नया है। कैंपों के पास मौजूद अधिकारी रोहिंग्या शरणार्थियों को गर्भनिरोधक के जो साधन बांट रहे हैं उसपर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। उखिया के एक कैंप में रहने वाले रोहिंग्या युवक मुजीबुर रहमान कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियों को लेकर मुखर हैं। उनका कहना है कि इससे जरूर उन्हें फायदा होगा।
वहीं 40 साल के रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद मोस्ताफिज के लिए मामला अलग है। गर्भनिरोधकों का जो पैकेट उन्हें मिला उसे उन्होंने पहले फूड पैक समझा। मोहम्मद मोस्ताफिज की 2 पत्नियां और 14 बच्चे हैं। उनका कहना है कि, 'बच्चे पैदा करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है। दवाओं का इस्तेमाल कर बच्चों को पैदा होने से रोकना पाप है। मुझे नहीं लगता कि मेरा परिवार इनका इस्तेमाल करेगा।'
Next Story