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क्या जन्नत में हूरों के साथ ये भी कर सकती हैं सेक्स?

क्या जन्नत में हूरों के साथ ये भी कर सकती हैं सेक्स?
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बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन अपनी बेबाक राय के लिए अक्सर चर्चाओं में रही हैं और उनके कई बयानों पर विवाद हुआ है.
रविवार को तस्लीमा ने ट्विटर पर कुछ ऐसा लिखा कि सोशल मीडिया पर विरोधी उन्हें निशाने पर लेने लगे.
तस्लीमा ने अपने ट्वीट में अल्लाह से सवाल किया है.
उन्होंने पूछा है, "क्या जन्नत में मौजूद कुंवारी (वर्जिन) हूरों के साथ लेस्बियन महिलाएं भी सेक्स कर सकती हैं?"
तस्लीमा का ये ट्वीट रविवार सुबह ही किए गए एक ट्वीट की अगली कड़ी है.
दरअसल, तस्लीमा ने पहले एक ट्वीट किया था, ''बांग्लादेश मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा, वैसे तो मैं इस तरह की सौंदर्य प्रतियोगिताओं के ख़िलाफ़ हूं, लेकिन फिर भी मै इन लड़कियों का समर्थन कर रही हूं क्योंकि ये कैटवॉक करने के लिए अपना बुर्का/हिजाब उतार रही हैं.''



इसके बाद तस्लीमा ने मिस बांग्लादेश प्रतियोगिता की विजेताओं की तस्वीर के साथ एक और ट्वीट किया.

इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''मिस वर्ल्ड बांग्लादेश सौंदर्य प्रतियोगिता. मुस्लिम देशों को इस प्रतियोगिता में शामिल होना चाहिए, यह जानने के लिए कि बिना हिजाब और बुर्का पहने लड़किया कितनी खूबसूरत दिखती हैं.''



तस्लीमा के इस ट्वीट पर सुनील कुमार नामक ट्विटर यूजर ने रिप्लाई में लिखा, ''मैं जानना चाहता हूं, जन्नत की हूरें अपना चेहरा दिखाती हैं या फिर वे भी बुर्का ही पहनती हैं?''





सुनील कुमार के इस रिप्लाई को रीट्वीट करते हुए तस्लीमा ने दोबारा लिखा, ''वे हरे रंग के कपड़े और पीले रंग के आभूषण पहनेंगी. यहां तक कि सेक्स करने बाद भी वे कुंवारी रहेंगी और उनकी कभी मृत्यु नहीं होगी, क्यों? क्या तुम कन्वर्ट (धर्म परिवर्तन) होना चाहते हो?''

तस्लीमा यहीं नहीं रुकी और उन्होंने इसके बाद एक और ट्वीट कर अल्लाह से ही सवाल पूछ डाला, ''डियर अल्लाह, क्या जन्नत में लेस्बियन महिलाओं को भी कुंवारी हूरों के साथ सेक्स करने की अनुमति है? या फिर ये कुंवारी हूरें सिर्फ पुरुषों के लिए ही हैं? सादर, टीएन (तस्लीमा नसरीन).''




तस्लीमा के इस ट्वीट को कई लोगों ने रीट्वीट किया है, वहीं बहुत से लोगों ने टिप्पणियां भी की हैं.
मीना ने लिखा, ''मेरे ख्याल से उन कुंवारी हूरों को अपनी पसंद चुनने की आज़ादी होगी, आखिरकार वह जन्नत है न कि धरती.''











साभार बीबीसी
शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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