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टेरर फंडिंग मामले में कोर्ट ने हाफिज सईद को दोषी माना, सुनाई ये सजा
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत (Anti Terror Court) ने आतंकवाद के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के दो मामलों में मुंबई हमले (Mumbai Blasts) के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के खिलाफ पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया है. एटीसी ने आतंकी हाफिज सईद को दोषी साबित करते हुए 10 साल 6 महीने की सजा का ऐलान किया है.
इसके पहले एंटी टेररिज्म कोर्ट ने पिछले सप्ताह 8 फरवरी यानि की शनिवार को अदालत ने सईद के मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी जिसके बाद बुधवार को एंटी टेररिज्म कोर्ट ने हाफिज सईद पर अपना फैसला सुनाया.
आपको बता दें कि शनिवार को सुनवाई पूरी होने के बावजूद हाफिज सईद के अनुरोध पर कोर्ट ने ऐसा किया और मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी. आतंकवाद रोधी अदालत (ATC) लाहौर के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के दो मामलों में जमात उद दावा के प्रमुख के खिलाफ फैसले को सुरक्षित रख लिया था.
तीखे तर्क-कुतर्क के बाद फैसला सुरक्षित
शनिवार को सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने बताया, 'एटीसी न्यायाधीश ने हाफिज सईद के आवेदन पर गौर किया जिसमें उसने अपने खिलाफ आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के सभी मामलों को मिलाने और मुकदमा पूरा होने के बाद फैसला सुनाने की अपील की थी.' अधिकारी ने बताया कि उप अभियोजक ने सईद की याचिका का विरोध किया और तर्क दिया कि उसके खिलाफ दो मामलों में मुकदमा पहले ही पूरा हो चुका है और अदालत कानून के तहत फैसला सुना सकती है.
हालांकि अदालत ने सईद की याचिका पर जिरह के लिए अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों दोनों को नोटिस जारी कर सुनवाई को 11 फरवरी तक के लिए टाल दिया था. इसके बाद बुधवार को सईद को कड़ी सुरक्षा के बीच एटीसी के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया. हाफिज के वकीलों का कहना है कि भारत समेत अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते हाफिज सईद को आतंकवाद रोधी विभिन्न धाराओं में फंसाया गया है. इसके पहले भी अदालत ने गवाहों की सुनवाई के आधार पर हाफिज के खिलाफ सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने सईद और उसके गुर्गों के खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में टेरर फंडिंग के आरोप में 23 एफआईआर दर्ज की थीं और 17 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया था.