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अपने ही देश में घिरे इमरान खान, जाने पूरा मामला
पाकिस्तान भारत से बातचीत के लिए बेताब है. हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी से साउथ एशिया और पड़ोसी देशों में शांति के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई. भारत से बातचीत की पेशकश को लेकर इमरान खान अपने ही देश में घिर गए हैं. अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा है कि जब तक इस्लामाबाद अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को नहीं हटाता तब तक बातचीत निरर्थक रहेगी.
हक्कानी ने आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते के भारत के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी उच्च-स्तरीय बातचीत तब-तक निरर्थक रहेगी जब तक इस्लामाबाद अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को नहीं हटाता.
हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान की भारत के साथ वार्ता की हालिया पहल को उस पर पड़ रहे आर्थिक एवं अंतरराष्ट्रीय दबाव के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए. हक्कानी का यह बयान किर्गिस्तान में 13-14 जून को आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से पहले आया है.
भारत और पाकिस्तान क्षेत्रीय सुरक्षा समूह का हिस्सा हैं. दोनों देशों के नेता बिश्केक में होने वाली बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में, इमरान खान ने सभी मतभेदों को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू करने का अनुरोध किया था. लेकिन एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर उनके बीच कोई आधिकारिक बैठक की योजना नहीं बनाई गई है.
पूर्व राजदूत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य कोई भी उच्च-स्तरीय वार्ता तब तक निरर्थक है जब तक कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को हटा नहीं देता.