राष्ट्रीय

ट्रम्प ने दिया भारत को झटका, पाकिस्तान का किया समर्थन

ट्रम्प ने दिया भारत को झटका, पाकिस्तान का किया समर्थन
x
पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी ने भारत की उम्मीदों को झटका दिया है। ट्रंप ने हाल में किए गए अपने एक ट्वीट में साफ शब्दों में लिखा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान और उसके साथ ज्यादा बेहतर संबंध की शुरुआत की है। ऐसा तब है जब अमेरिका ने अपनी नई अफगानिस्तान नीति में पाकिस्तान पर निशाना साधा था। पाकिस्तान को लेकर ट्रंप की नीति में अनिश्चितताएं भारत के लिए भी चिंता की वजह हैं।
हालांकि ट्रंप का ट्वीट अमेरिका का कोई नीतिगत बयान नहीं है। दरअसल अमेरिकी-कनाडाई मूल के दंपति और उनके बच्चों की हक्कानी नेटवर्क के कब्जे से रिहाई में पाकिस्तान की मदद को लेकर ट्रंप ने यह बयान दिया था। ट्रंप के बयान ने एक बार फिर साबित किया है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में स्थायित्व के लिए पाकिस्तान के रणनीतिक महत्व को मान रहा है।
ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत की कोशिशों को एक तरह से झटका ही है। ट्रंप के इस बयान से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन भी पाकिस्तान के महत्व को स्वीकार कर चुके हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ अपनी हालिया मुलाकात के बाद टिलरसन ने अमेरिका-पाक संबंधों को क्षेत्र की शांति और स्थायित्व के लिए असाधारण रूप से महत्वपूर्ण करार दिया था।

इस तरह की टिप्पणी कर टिलरसन एक तरह से रूस के स्टैंड का ही समर्थन करते दिख रहे थे। अफगानिस्तान के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन के विशेष दूत जमीर काबुलोव ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान के संबंध में महत्वपूर्ण करार दिया था। साथ ही अमेरिका को इस्लामाबाद पर दबाव नहीं बनाने की चेतावनी भी दी थी। काबुलोव का यह बयान तब आया था जब ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह बताया था।

इस तरह के बदलाव अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अकेला करने की भारतीय कोशिशों के लिहाज से ठीक नहीं दिख रहे। भारत ने हाल में ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को टेररिस्तान कहकर संबोधित किया था। भारत ने आतंकियों पर पुख्ता कार्रवाई के बिना पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत नहीं करने की नीति अपनाई है। अधिकारियों के मुताबिक इसी तरह की नीति की बदौलत ब्रिक्स घोषणापत्र में भारत पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम शामिल कराने में सफल रहा था।
हालांकि अमेरिकी बयानबाजी से भारत की इस नीति पर फर्क पड़ने की संभावना नहीं है। स्ट्रैटिजिक अफेयर्स एक्सपर्ट और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अता हसनैन के मुताबिक भारत की बात नहीं करने की रणनीति तबतक जारी रहनी चाहिए जबतक पाकिस्तान आतंक से दूरी नहीं बनाता। उनका कहना है कि पहले तो ट्रंप का ट्वीट नीतिगत बयान नहीं है। ये एक तरह से व्यक्तिगत विचार हैं। दूसरा हक्कानी नेटवर्क से अमेरिकियों को छुड़ाने की एकमात्र घटना नीतियों में बदलाव नहीं ला सकती।
Next Story