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कड़ाके की सर्दी में कमजोर भालू ठंड से मर जाएंगे. और ऐसी मौत से बचने के लिए रूसी भालू आदमखोर बन रहे हैं. पूर्वी रूस में भूख से बेहाल कई भालू आदमखोर बन गए हैं. भालू आए दिन लोगों पर हमला कर रहे हैं. पूर्वी रूस के साखालिन द्वीप में वन अधिकारियों ने पिछले हफ्ते 83 भालुओं को गोली मारने का आदेश दिया.
एक स्थानीय वन अधिकारी के मुताबिक बीते साल के मुकाबले यह संख्या तीन गुना ज्यादा है. अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. भालुओं के लिए पर्याप्त मछलियां और फल नहीं हैं." वन अधिकारी ने हालात के लिए व्यावसायिक मछली पालन को जिम्मेदार ठहराया. पहचान न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, "यहां मछली पकड़ने के लिए जाल होना ही नहीं चाहिए लेकिन गर्मियों में जगह जगह ऐसा जाल डाला गया. अब बहुत ही कम मछलियां बची हैं."
सर्दियां नहीं झेल पाएंगे भूखे भालू
भूख से परेशान भालू पेट भरने आए दिन गांवों में घुस रहे हैं. भालू अब तक दो लोगों को मार चुके हैं. कई को घायल कर चुके हैं. गांव वालों के पालतू जानवरों को भी वह अपना निवाला बना रहे हैं. वन कर्मचारी के मुताबिक, "सर्दियों से ठीक पहले इस समय भालू अपने शरीर में खूब चर्बी जमा कर लेते हैं, लेकिन अगर आप इन भालुओं को देखेंगे तो पता चलेगा कि उनके शरीर में चर्बी बिल्कुल भी नहीं."
सितंबर में भालुओं ने एक मछुआरे और एक शिकारी को अपना निवाला बनाया. इन मामलों के सामने आने के बाद इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े आधिकारी गांवों में जा रहे हैं. वन अधिकारियों को अंदेशा है कि भालुओं के हमले नवंबर तक जारी रहेंगे. नवंबर के बाद कमजोर भालू ठंड से मर जाएंगे और खूब चर्बी वाले शीत निद्रा में चले जाएंगे.