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ब्रिटेन की एक महिला ने जिसने आतंकवादी गुट आईएस आईएस के एक सदस्य से विवाह किया था, कहा कि उसने केवल इस आशा से कि उसके बच्चा भविष्य में आतंकवादी बनेगा इसीलिए बच्चे को जन्म दिया। इस समय तानिया चौधरी के पांच बच्चे हैं और उसने ग्यारह सितंबर 2001 के न्यूयार्क के हमले के बाद आतंकवादी गुट में शामिल होने का फ़ैसला किया।
वह अपने इस निर्णय के बारे में कहती हैं कि 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले के बाद मैंने फ़ैसला किया, मुझे बहुत अधिक नस्लभेदी कार्यवाहियों का सामना करना पड़ा, मेरे पड़ोसी बहुत ख़राब थे, मैं उनसे बदला लेने का रास्ता तलाश कर रही थी, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले के समय मैं 17 साल की थी, मैंने जब यह घटना देखी तो मैंने कट्टरपंथी गुट में शामिल होने का फ़ैसला किया।
तानिया ने कहा कि मुझे कुछ साल बाद शादी की एक वेबसाइट मिली, वहां पर मेरी जाॅन जोरजलास नामक एक अमरीकी नागरिक से मुलाक़ात हुई जो कट्टरपंथी गुट की सदस्यता में रुचि रखता था। उसके बाद हमने विवाह कर लिया। वर्ष 2004 में मेरे यहां पहले बच्चे ने जन्म लिया, वर्ष 2013 तक मेरे तीन संतान थी, उसी साल मैंने दाइश में शामिल होने के लिए सीरिया का सफ़र करने का फ़ैसला किया, मेरा सपना यह था कि मेरे बेटे एेसे हों तो आतंकवादी कार्यवाही कर सकें और लोगों की हत्या कर सकें।
तानिया चौधरी का कहना था कि अगस्त 2013 में हमने सीरिया की यात्रा की, कुछ महीने के बाद मेरा बेटा बीमार हो गया, अब मुझे पछतावा होने लगा, मैंने तुर्की के रास्ते लौटने का फ़ैसला किया, लौटने के बाद मैंने अपने पति से तलाक़ ले लिया। यद्यपि दाइश की यह 33 वर्षीय दुलहनिया ने दावा किया कि अब वह दाइश की सदस्यता दोबारा ग्रहण करने का इरादा नहीं रखती किन्तु यह संभावना पायी जाती है कि वह अब भी दाइश की ब्रेन वाशिंग से बहुत अधिक प्रभावित है।