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राष्ट्रीय
भारत को बड़ा झटका, नेपाल ने थामा चीन के ब्रॉडबैंड इंटरनेट का हाथ
Arun Mishra
13 Jan 2018 3:08 AM GMT
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फाइल फोटोः पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ शी जिनपिंग
इसी के साथ साइबर दुनिया से जुड़ने के लिए उनकी भारत पर निर्भरता समाप्त हो गई है
पड़ोसी देश नेपाल में चीन का दबदबा बढ़ता जा रहा है जिससे भारत की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। नेपाल के लोग अभी तक इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए भारत पर निर्भर थे लेकिन शुक्रवार को नेपाल ने भारत पर अपनी यह निर्भरता खत्म करते हुए हिमालय पर्वत पर बिछी चीन की ऑप्टिकल फाइवर लिंक से ब्राडबैंड इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, रसुवागढी सीमा के माध्यम से चीनी फाइबर लिंक द्वारा मिलने वाली इंटरनेट की प्रारंभिक स्पीड 1.5 गीगाबीट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) होगी, जो कि भारत से मिलने वाली स्पीड से कम है। बीरतनगर, भैरहवा और बीरगंज के माध्यम से भारत 34 जीबीपीएस की स्पीड मुहैया कर रहा था। उन्होंने कहा कि हिमालय पर्वतों में चीन के ऑप्टिकल फाइबर लिंक का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो गया है।
नेपाल के सूचना एवं संचार मंत्री मोहन बहादुर बासनेत ने नेपाल-चीन सीमा पर ऑप्टिकल फाइबर लिंक का यहां एक कार्यक्रम में उद्घाटन किया। साल 2016 में सरकारी कंपनी नेपाल टेलीकॉम (एनटी) ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना टेलीकम्युनिकेशन ने चीन के माध्यम से नेपाल में इंटरनेट के परिचालन के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
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