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न्यूजीलैंड में सेमी-ऑटोमेटिक हथियार रखना गैरकानूनी, सरकार वापस लेकर बदले में पैसे देगी
न्यूजीलैंड की सरकार ने क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए हमलों के बाद देश में खतरनाक हथियारों पर लगाम लगाने के मकसद से बंदूकों को वापस खरीदने की योजना शुरू कर दी. क्रास्टचर्च हमलों में 51 नमाजियों की हत्या कर दी गई थी.
प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने 15 मार्च को हुए हमलों के बाद न्यूजीलैंड के हथियार कानून को सख्त बनाने का संकल्प लिया था. उनकी सरकार ने इन तीन महीनों के दौरान इस पर काफी तेजी से काम किया है.
पुलिस मंत्री स्टुअर्ट नैश ने कहा, "वापस खरीद की इस योजना का एकमात्र उद्देश्य अलनूर और लिकुड मस्जिदों में हुई मौतों के बाद खतरनाक हथियारों के प्रसार को रोकना है."
लाइसेंसी हथियार रखने वालों के पास अपने हथियार जमा कराने के लिये छह महीने का समय है. नई योजना के तहत अब हथियार रखना अवैध है और इस अवधि के दौरान हथियार जमा कराने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी.
ये मोहलत खत्म होने के बाद प्रतिबंधित हथियार रखने पर पांच साल कैद तक की सजा हो सकती है.
अलजजीरा में छपी खबर के मुताबिक पुलिस मंत्री नैश ने कहा, "अगले कदम के लिए भी पुलिस के पास विस्तृत योजना है. ये बहुत बड़े पैमाने पर होने वाली कार्रवाई है, इसमें हम पूरे समुदाय से हथियार वापस ले लेंगे. इसके जुलाई मध्य तक पूरा जोर पकड़ने की संभावना है."
इससे पहले इस योजना को लेकर जेसिंडा सरकार ने संसद में एक बिल पेश किया था, जिसे बड़े पैमाने पर सदस्यों का समर्थन मिला था. ये बिल अप्रैल के महीने में एक के मुकाबले 119 मत से पारित हो गया था.