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पाक SC ने 100 साल पहले भारत में दायर की गई याचिका पर सुनाया फैसला
नई दिल्ली : मंगलवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 100 साल पुराने पुश्तैनी संपत्ति मामले पर सुनवाई की है। इस मामले की शुरूआत सन 1918 में राजस्थान कोर्ट से हुई थी। ये मामला भावलपुर के 700 एकड़ जमीन पर अधिकार का था।
दरअसल, भावलपुर इलाका बंटवारे से पहले राजपुताना राज्य के अंदर आता था। बंटवारे के बाद यह केस भावलपुर ट्रायल कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक शहर है। साल 2005 में इस केस को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान मियां साकिब निसार की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने फैसला सुनाते कहा कि संपत्ति सभी उत्तराधिकारियों को इस्लामिक कानून के तहत बराबर बांट दी जानी चाहिए। कोर्ट किसी को उसके कानूनी हक से वंचित नहीं रख सकता।
इस्लामाबाद से भावलपुर सफर कर के सुनवाई के लिए पहुंचने वाले याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके बड़े शाहबुद्दीन और शेर खान के बेटे ही इस विवादित जमीन के असली मालिक हैं। शहाबुद्दीन का सन 1918 में ही निधन हो गया था और तभी से यह विवाद चला आ रहा है।
गौरतलब है पाकिस्तान की अदालतों में हजारों केस दशकों से लंबित पड़े हैं। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के केसों को पाकिस्तानी पीनल कोड में संशोधन किए बगैर नहीं निपटाया जा सकता।