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स्पेन के पीएम कैटालोनिया की संसद को किया बर्खास्त, 21 दिसम्बर को होगी वोटिंग

Ekta singh
28 Oct 2017 6:52 AM GMT
स्पेन के पीएम कैटालोनिया की संसद को किया बर्खास्त, 21 दिसम्बर को होगी वोटिंग
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स्पेन के प्रधानमंत्री मैरिएनो राजॉय ने शुक्रवार को कैटेलोनिया की संसद भंग कर दी. प्रधानमंत्री मैरिएनो राजॉय ने कहा कि उन्होंने कैटेलोनिया की संसद भंग कर दी है और 21 दिसंबर को क्षेत्रीय चुनाव का ऐलान किया है.

नई दिल्ली: कैटेलोनिया के खुद आज़ाद घोषित करने के बाद अब स्पेन ने वहां कि संसद को भंग कर दिया है. कैटेलोनिया कि आज़दी को लेकर स्पेन में राजनितिक संकट गहराया दिख रहा है.

स्पेन के प्रधानमंत्री मैरिएनो राजॉय ने शुक्रवार को कैटेलोनिया की संसद भंग कर दी. प्रधानमंत्री मैरिएनो राजॉय ने कहा कि उन्होंने कैटेलोनिया की संसद भंग कर दी है और 21 दिसंबर को क्षेत्रीय चुनाव का ऐलान किया है.





उन्होंने कैटेलोनिया में अलगाववादी आंदोलन को रोकने के लिए सीनेट की ओर से दिए गए अधिकारों के तहत ऐसा किया. बता दे कि कैटेलोनिया कि संसद ने बहुमत से आजादी के पक्ष में वोट किया, जबकि स्पेन कि सीनेट कैटेलोनियाकि स्वायत्तताखत्म करने के पक्ष में फैसला लिया है.
स्पेन कि सीनेट के इस फैसले से कैटेलोनियाकि स्वायत्तताका संवैधानिक दर्जा खत्म हो गया. जिससे इस प्रांत पर स्पेन का सीधा शासन हो गया . वही कैटेलोनिया को खुद आजाद मान रहा है.
खबरों के अनुसार कैटेलोनिया की संसद ने शुक्रवार को स्पेन से आजादी की घोषणा कर दी थी. आजादी के हजारों समर्थक संसद के बाहर इकट्ठे हुए. बार्सिलोना में क्षेत्रीय संसद ने 'एक गणतंत्र के रूप में कैटेलोनिया को एक स्वतंत्र राज्य' घोषित करने के लिए एक संकल्प पारित किया.
इसके बाद स्पेन के प्रधानमंत्री मैरिएनो राजॉय ने तत्काल जवाब देते हुए सभी लोगों को शांत रहने की अपील की थी. विवादास्पद वोट के तुरंत बाद उन्होंने ट्वीट किया- 'कानून का शासन कैटेलोनिया में वैधता बहाल करेगा'. इस वोटिंग के दौरान विपक्षी सदस्यों ने संसद की बैठक में हिस्सा नहीं लिया.
प्रस्ताव के पक्ष में 70 वोट पड़े, जबकि 10 खिलाफ में. परिणामस्वरूप तुरंत देखा गया कि स्पेनी शेयर में तेजी से गिरावट आ गई. विपक्षी सांसदों ने प्रस्ताव पर विचार करने से इंकार कर दिया, और इसे लोकतंत्र के लिए 'काला दिन' करार दिया और सदन से वॉक आउट किया.
स्पेन से अलग होने के लिए कैटेलोनिया में जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें 90 फीसदी लोग स्पेन से अलग होना चाहते थे. इस दौरान काफी हिंसा भी हुई। 2015 अलगाववादियों को जीत मिली थी, तभी इन्होंने कैटेलोनिया को आजाद कराने के लिए जनमत संग्रह कराने का वादा किया था
हालांकि बाद में कैटेलोनिया की ओर से आजादी की घोषणा होने के फौरन बाद स्पेन की सीनेट ने केंद्र सरकार को व्यापक अधिकार दे दिया. यह विशेषाधिकार कैटेलोनिया संकट से निपटने के लिए दिया गया.

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