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बराक ओबामा के कॉलेज के दिनों के प्रेम पत्र सार्वजनिक हुए हैं. एलेक्जेंड्रा नाम की युवती को लिखे प्रेम पत्रों में भी ओबामा के करिश्माई व्यक्तित्व की झलक मिलती है. कैलिफोर्निया में पढ़ाई के दौरान युवा बराक ओबामा को एलेक्जेंड्रा मैकनियर नाम की युवती से मोहब्बत हो गयी. 1980 के शुरुआती दशक में दोनों का प्यार परवान चढ़ा. इस दौरान ओबामा ने हाथ से कई प्रेम पत्र लिखे. पत्रों में ओबामा ने नस्ल, सामाजिक श्रेणी और धन का भी जिक्र किया.
ये पत्र 2014 में एमरी यूनिवर्सिटी की रोज लाइब्रेरी ने हासिल किये. अब यूनिवर्सिटी ने इन्हें सार्वजनिक किया है. हर खत की शुरुआत "डियर एलेक्स" से होती है. एक शुरूआती खत में ओबामा ने लिखा, "मुझे यकीन है कि तुम जानती हो कि मैं तुम्हें मिस करता हूं. मुझे तुम्हारी इतनी चिंता होती है जितनी आकाश में हवा है. तुम पर मेरा भरोसा समुद्र जितना गहरा है. मेरा प्यार समृद्ध है. सप्रेम, बराक." 1982 से 1984 के बीच लिखे पत्रों से यह भी पता चलता है कि दोनों का रिश्ता कैसी मुश्किलों से गुजरा. 1983 में ओबामा ने एक खत में लिखा, "मैं तुम्हारे बारे में अक्सर सोचता हूं, हालांकि मैं अपनी भावनाओं को लेकर असमंजस में भी रहता हूं. ऐसा लगता है जैसे हम दोनों वो चीज चाहते हैं जो हमें नहीं मिल सकती, शायद यही चीज हमें जोड़ती है और एक दूसरे से दूर भी रखती है."
ओबामा के पत्र
ओबामा हवाई में पैदा हुए. उनके पिता केन्या के थे. ओबामा का बचपन इंडोनेशिया में बीता. बाद में वह अमेरिका चले गये. इन अनुभवों के चलते उनके भीतर एक पहचान का संकट सा छिड़ गया. कई पत्रों में ओबामा ने इसका जिक्र किया, "मुझे स्वीकार करना ही होगा कि मेरे भीतर काफी ईर्ष्या है. मुझे सहारा देने के लिए कोई क्लास नहीं है, कोई ढांचा या परंपरा नहीं है. मेरे लिए अलग रास्ता बना हुआ है. अपने अकेलेपन की भावनाओं को शांत करने का मेरे पास एक ही रास्ता है और वह है, हर परंपरा और क्लास को अपना लूं, उन्हें अपना बना लूं और खुद को उनका हो जाने दूं." 1983 में ग्रेजुएशन करने के बाद ओबामा इंडोनेशिया गये. लेकिन वहां भी उन्होंने खुद को अकेला पाया.
इंडोनेशिया से भेजे एक खत में ओबामा ने लिखा, "मैं भाषा भी ठीक से नहीं बोल पा रहा हूं. मुझे एक पहेली की तरह देखा जा रहा है जिसका सम्मान भी है और उपहास भी, क्योंकि मैं अमेरिकी हूं. मैं पुरानी सड़कें देखता हूं, खेतों की तरफ जाते जर्जर मकान देखता हूं, खदान के पुराने रास्ते देखता हूं, ऐसे रास्ते जिन तक मैं नहीं पहुंच सकता." निम्न और मध्यवर्गीय परिवार के युवा आम तौर पर छात्र जीवन के दौरान पैसे की तंगी का सामना करते हैं. ओबामा के साथ भी ऐसा हुआ.
एलेक्जेंड्रा को लिखे एक पत्र में भविष्य के राष्ट्रपति ने लिखा, "सामुदायिक संस्थाओं में तनख्वाह बहुत कम है, इतनी कम कि अभी गुजारा करना मुश्किल हो रहा है, मुझे उम्मीद है कि मैं एक साल तक ज्यादा क्षमता से काम करूंगा ताकि अपनी पसंदीदा चीजों को करने के लिए मेरे पास पर्याप्त धन जमा हो जाए." इसके बाद बिजनेस इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस में नौकरी करने के दौरान ओबामा ने लिखा, "यहां मैं प्रतिभाशाली युवाओं में से एक हूं, हर कोई मेरी पीठ थपथपा रहा है और मेरे काम की तारीफ कर रहा है." लेकिन 1984 के बाद बराक और एलेक्जेंड्रा के रास्ते जुदा हो गये. पांच साल बाद बराक ओबामा की मुलाकात मिशेल से हुई और दोनों तब से अब तक साथ हैं.