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11 दिनों के एशियाई दौर पर निकले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप बुधवार को चीन पहुंच गये. ट्रंप की इस तीन दिवसीय यात्रा में दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों और उत्तर कोरिया पर बातचीत होगी. बीजिंग एयरपोर्ट पर ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया का मिलिट्री बैंड गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया गया.
इसके बाद ट्रंप अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. इसके बाद दोनों नेता चीन की प्रसिद्ध फरबिडन सिटी जाएंगे. दोनों नेता इसके बाद एक निजी भोज में भी शामिल होंगे. चीन के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में गुरुवार को ट्रंप का एक औपचारिक स्वागत होगा.
व्हाइट हाउस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रंप अपनी यात्रा में चीन से अपील करेंगे कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक उत्तर कोरिया के साथ अपने सभी वित्तीय रिश्ते खत्म कर ले. इसके पहले ट्रंप ने दक्षिण कोरिया से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वे अपनी परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ते, तो उत्तर कोरिया को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
वहीं बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि चीन ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को पूरी सख्ती से लागू किया है. वक्तव्य में कहा गया कि चीन अब इस पूरे मसले का हल बातचीत से निकाले जाने की उम्मीद करता है. अमेरिका, चीन पर अपना बाजार खोलने के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाता रहा है. पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि चीन के साथ 347 अरब डॉलर का व्यापार घाटा बेहद ही शर्मनाक है. उन्होंने कहा, "मैं अगले चार दिनों तक किसी को भी शर्मिंदा नहीं करना चाहता लेकिन यह बुरा है." अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह ट्रंप की पहली चीन यात्रा है.