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वाशिंगटन की नई चाल, अमेरिका और तुर्की के बीच तनाव

Majid Khan
10 Oct 2017 10:30 AM GMT
वाशिंगटन की नई चाल, अमेरिका और तुर्की के बीच तनाव
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अमेरिकी दूतावास ने तुर्की में ग़ैर अप्रवासी वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को फ़िलहाल रोक दिया है। अमेरिका ने इस्तांबुल में अपने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी मतीन तूपूज़ की गिरफ़्तारी के विरोध में तुर्की में वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया रोक दी है। तूपूज़ तुर्क नागरिक हैं और उन्हें पिछले हफ़्ते जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया था।

इस संदर्भ में तुर्क सरकार का कहना है कि इस्तांबुल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को गूलेन गुट से संबंध रखने वाले एक संदिग्ध को नौकरी पर रखने के लिए स्पष्टीकरण देना होगा। तुर्क सरकार का कहना है कि क़ानून के मुताबिक़ मतीन तूपूज़ को नौकरी पर रखने के बाद, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को तूपूज़ के शनाख़्ती दस्तावेज़ तुर्की के विदेश मंत्रालय को भेजने चाहिए थे। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

हालांकि तर्की में कुछ अन्य सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी ने तुर्की में वीज़ा जारी न करने का फ़ैसला, अपने कूटनयिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के मद्देनज़र लिया है। यहां इस बिंदु को भी मद्देनज़र रखा जाना चाहिए कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प विदेशियों के अमरीका में प्रवेश पर कुछ सीमितताएं लगाने का पहले ही एलान कर चुके हैं, इसलिए संभव है इसी परिप्रेक्ष्य में यह फ़ैसला लिया गया हो.

अमेरिकी तुर्क राष्ट्रपति रजब तैय्यब अर्दोगान की सरकार के कई विरोधियों का समर्थन करती रही है। तुर्क सरकार के कट्टर विरोधियों में मोहम्मद फ़तहुल्लाह गूलेन और आदिल आकसूज़ का नाम लिया जा सकता है। गूलेन पर तुर्क सरकार के विरुद्ध जुलाई 2016 में असफल सैन्य विद्रोह का आरोप है। इसके अलावा तुर्क सरकार को अमेरिकी द्वारा सीरिया में कुर्दों के समर्थन पर भी आपत्ति है।

इस संदर्भ में तुर्की के वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद सालेह ख़ातम का कहना है कि पश्चिमी देशों की नीतियों से तुर्की बहुत नाराज़ है, इसी कारण उसने अपनी कुछ नीतियों में बदलाव किया है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अमेरिकी सरकार गूलेन गुट का समर्थन करके अर्दोगान के विरोधियों की उल्लेखनीय सेवा कर रही है। ऐसी परिस्थितियों में तुर्की में वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को रोककर वाशिंगटन अंकारा से हिसाब किताब बराबर करना चाहता है।

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