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कौन भेज रहा है इन छात्रों को ये अनुचित सामान?

कौन भेज रहा है इन छात्रों को ये अनुचित सामान?
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कनाडा की दस अलग-अलग छात्र यूनियनों को तीन महीने से कोई सेक्स टॉय भेज रहा है. पार्सल अमेज़न से आते हैं जिन पर भेजने वाले का नाम-पता नहीं होता. छात्र यूनियन के मुताबिक़ ये पार्सल बिन मंगवाए आ रहे हैं क्योंकि उनके किसी भी छात्र ने कभी ऐसा कोई ऑर्डर नहीं दिया.
कुछ यूनियनों को तो अब तक ऐसे 15 पार्सल मिल चुके हैं जिनमें भेजे गए सेक्स टॉयज़ की क़ीमत 51 हज़ार रुपये से भी ज़्यादा है.पहले सबको लगा कि कोई ग़लती हो गई होगी. फिर लगा कोई मज़ाक कर रहा है. लेकिन जब तीन महीने तक भी मामला क़ाबू में नहीं आया तो इसकी शिक़ायत पुलिस से कर दी गई.

ओंटारियो प्रांत के थंडर बे शहर के पुलिस कॉन्सटेबल डैरेल वारुक ने कनाडा के सरकारी टीवी चैनल सीबीसी से कहा कि "अमेज़न ने उन्हें बताया है कि यह चीन की किसी कंपनी का मार्केटिंग का तरीक़ा हो सकता है."
इन पार्सलों में कई तरह के सेक्स टॉयज़ के अलावा फ़ोन के चार्जर, इयर फ़ोन, लाइट बल्ब और आईपैड केस भी रखे होते हैं. रायर्सन यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट कैमरिन हार्लिक ने द आईओपनर को बताया कि "भेजे गए सेक्स टॉयज़ में हल्के हरे रंग का एक वाइब्रेटर भी था जिसमें कई सेटिंग की सुविधा है."

कैमरिन के मुताबिक़, "गुलाबी रंग के आख़िरी सिरे वाला यह वाइब्रेटर बहुत महंगा सेक्स टॉय है." द आईओपनर रायर्सन यूनिवर्सिटी का अंदरूनी अख़बार है और उसने ही इस ख़बर को ब्रेक किया था. अमेज़न ने इन पार्सलों को वापिस लेने से मना कर दिया है क्योंकि इन्हें "किसी तीसरे पक्ष ने खरीदा है."

कंपनी ने बताया कि "वो मामले की जांच कर रही है लेकिन उसने छात्र यूनियनों को खरीदार के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया. अमेज़न के मुताबिक़ यह कंपनी की निजता नीति का उल्लंघन होगा."मनीटोबा यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ये सेक्स टॉय एक एलजीबीटीक्यू संस्था को दान कर दिए. संस्था इन्हें पैसे जमा करने के लिए चलाए जा रहे एक फ़ंडरेज़र के इनाम के रूप में बांट देगी.
छात्र यूनियन के अध्यक्ष तनजीत नागरा ने बीबीसी से कहा कि "मुझे लगता है कि ये काफ़ी अजीब है कि हमें ऐसे पार्सल भेजे जा रहे हैं." "ईमानदारी से कहूं तो पहले मुझे लगा कि स्टाफ़ के ही किसी सदस्य ने ऑर्डर किए होंगे जिसने बाद में शर्म के मारे नहीं बताया. लेकिन फिर पता चला कि पूरे कनाडा में छात्र यूनियनों को ऐसे पैकेज मिल रहे हैं तब लगा कि कुछ तो चल रहा है."
साभार बीबीसी
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