झारखंड

मुख्यमंत्री की बहू बनने जा रही है साधारण परिवार की ये लड़की, फेसबुक के जरिए ऐसे आया था रिश्ता..!

Special Coverage News
9 March 2019 4:53 AM GMT
मुख्यमंत्री की बहू बनने जा रही है साधारण परिवार की ये लड़की, फेसबुक के जरिए ऐसे आया था रिश्ता..!
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बड़े राजनीतिक परिवार में रिश्ता होने की बात पर इस लड़की का कहना है- ससुराल जाकर भी मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी।

रायपुर : एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की आज झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू बनने जा रही है। रायपुर की रहने वाली इस लड़की के लिए रिश्ते की बात फेसबुक के जरिए आगे बढ़ी। 8 मार्च को सीएम के बेटे ललित की बारात पहुंच रही है। बड़े राजनीतिक परिवार में रिश्ता होने की बात पर इस लड़की का कहना है- ससुराल जाकर भी मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी।

रायपुर की पीहू यानि पूर्णिमा साहू 8 मार्च को झारखंड के सीएम रघुवर दास की बहू बनने जा रही हैं। पूर्णिमा एक सामान्य परिवार की बेटी हैं। हालांकि वे अपनी शादी को काफी एक्साइटेड भी हैं। पीहू को हल्दी लग चुकी है। गीत-संगीत का दौर जारी है। हर कोई बधाई दे रहा है। शुक्रवार को उनके बेटे ललित की बारात पहुंच रही है। मेहमानों के लिए तीन बोगियां बुक की गई हैं।

पीहू कहती हैं कि ललित (बिट्टू) शुक्रवार को आ रहे हैं। पीहू के पापा भागीरथी साहू बिजनेसमैन हैं और मां कौशल्या साहू टीचर हैं। पीहू ने महंत लक्ष्मी नारायण दास कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन के दौरान ही टीचरशिप भी की है। घर में बारात के स्वागत की तैयारी जारी है। सात फेरे वीआईपी रोड स्थित होटल में होंगे।

पीहू बताती हैं कि मेरी बड़ी मम्मी की देवरानी की बेटी की मैरिज रांची में हुई है, जिन्हें मैं दीदी कहती हूं। मेरे ससुर उनके मामा ससुर हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ से ही बहू ही चाहिए थी। कई रिश्ते देखे पर बात नहीं बनी। उन्होंने कहा कि दीदी ने पहली बार फेसबुक पर मुझे देखा था, क्योंकि हम टच में नहीं थे। उन्होंने मैसेंजर से मैसेज किया। नॉर्मली बात होती रही। उन्होंने मेरे बड़े पापा से कहा कि पीहू के लिए रिश्ता है, उसके पेरेंट्स से बात कर लीजिए।




पीहू कहती हैं कि जब बड़े पापा ने रिश्ते की बात की पहले तो पेरेंट्स हड़बड़ा गए। क्योंकि इतने बड़े घर में रिश्ते की बात थी। हालांकि बात हुई और उनका परिवार मुझे देखने आया, हमारे यहां से भी लोग वहां गए। अपनी शादी को लेकर पीहू कहती हैं कि मैं ये नहीं सोच रही कि मैं सीएम के घर की बहू बनने जा रही हूं। बल्कि आमजन की तरह सोच रही हूं। मैं वहां जाकर भी वैसी ही रहूंगी जैसी यहां हूं। पहले की तरह गोलगप्पे खाऊंगी और साथ में जो होंगे उन्हें खिलाऊंगी।

ललित दास सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। ललित रघुवर दास की दो संतानों में छोटे हैं। उनकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है।

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