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5 जुलाई को संकट में कुमार स्वामी सरकार!

5 जुलाई को संकट में कुमार स्वामी सरकार!
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कर्नाटक में उत्पन्न हुई राजनैतिक उठा पठक थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले येदियुरप्पा सरकार संकट में फंसी रही अब कुमार स्वामी सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे है. कांग्रेस और जद एस के बागी विधायक बीजेपी के संपर्क में बताये जा रहे है. इस दौरान बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने अहमदाबाद पहुंच गए है. हालात यह है कि 5 जुलाई को एचडी कुमारस्वामी सरकार के बजट पेश करने से पहले महज चार हफ्ते पुरानी सरकार के गिरने के कयास लगाए जा रहे हैं.


इस समय जो संकेत मिल रहे है उसके मुताबिक़ गठबंधन सरकार अपने ही मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी के चलते भंवर में फंसती दिख रही है. वहीं कांग्रेस के असंतुष्ट नेता की ओर से बातचीत के प्रयास बिल्कुल नहीं दिख रहे हैं. कर्नाटक सरकार के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल यह भी है कि कांग्रेस के अधिकतर नाराज नेता सरकार गिराने के लिए बीजेपी से संपर्क कर रहे हैं.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जो जेडी (एस)-कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं, इस समय हिमाचल के धर्मशाला में नैचुरोपैथी की शरण में हैं. उनका कहना है कि वह इस समय पूर्णतया ब्रेक पर हैं और अपने उपचार के दौरान फोन कॉल्स भी नहीं उठा रहे हैं. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि उनकी अपने विश्वसनीय एसटी सोमशेखर, बी सुरेश और एन मुनिरत्न के साथ लगातार बातचीत जारी है.

बता दें कि हाल ही में सिद्धारमैया का एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें वह नया बजट और पूर्ण कर्ज माफी के कुमारस्वामी के फैसले को समर्थन नहीं दे रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के लिए अहमदाबाद गए हुए हैं. एक तरफ जब राज्य में राजनीतिक हलचल मची हुई है, ऐसे में सोमवार को येदियुरप्पा लिंगायत नेता बसावाराज बोम्मई के साथ चुपचाप अहमदाबाद जाने से उनके अगले कदम के कयास लगाए जा रहे हैं. येदियुरप्पा की अचानक अहमदाबाद दौरे ने उनके सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त होने की अटकलों को तेज कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि वह अमित शाह से इस विषय पर बात करने के लिए अहमदाबाद जा रहे हैं.

वहीं बीजेपी सूत्रों का कहना है कि अमित शाह ने येदियुरप्पा को जल्दबाजी न करने को कहा है. आधिकारिक रूप से कहा जा रहा है कि येदियुरप्पा और बोम्मई 2019 लोकसभा चुनाव पर बैठक के लिए शाह से मुलाकात करने गए हैं. साथ ही उन्हें 29 जून को आयोजित बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे.

दूसरी ओर कुमारस्वामी ने सोमवार को सुर बदलते हुए कहा कि किसी की दया से मुख्यमंत्री नहीं बने हैं. उन्होंने कहा, 'आपने (कांग्रेस) ने मुझे खैरात में यह सीट नहीं दी है. आप इसका ध्यान रखें. मुझे चिंता नहीं कि मैं कब तक कार्यकाल में रहूंगा.'


अब इस हिसाब से कुमार स्वामी सरकार पर संकट के बादल बने हुए है. सरकार कब तक चलेगी कहा नहीं जा सकता है. एक बार कर्नाटक में राजनैतिक सरगर्मी अपने शबाब पर है.

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