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कर्नाटक का सियासी घमासान: विधानसभा अध्यक्ष ने की साफ मनाही, नहीं मानेगें राज्यपाल के निर्देश?
कर्नाटक में सियासी संग्राम लगातार जारी है. गुरुवार को ये फैसला होना था कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार बनी रहेगी या फिर सीएम की कुर्सी पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा हो जाएगा. लेकिन बहुमत परीक्षण को लेकर मामला लगातार टलता जा रहा है. शुक्रवार को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल की ओर से दी गई डेडलाइन भी खत्म हो गई.
लगातार टालमटोल
विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी ने कांग्रेस सदस्यों द्वारा बीजेपी के खिलाफ की जा रही नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी. हालांकि उस वक्त तक सदन में कुमारस्वामी की ओर से विश्वास मत पर उनकी बात रखी जानी बाकी थी. कर्नाटक में विधानसभा लंच ब्रेक तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि वह राज्यपाल के निर्देशों को नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा है कि पहले चर्चा होगी उसके बाद ही वोटिंग कराई जा सकेगी.
क्या कुमारस्वामी देंगे इस्तीफा
ऐसा लग रहा है कि कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट के बजाय खुद इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं. अब अगर सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं होती है तो राज्यपाल वजुभाई वाला को मामले में दखल देना होगा. क्योंकि उन्होंने खुद वोटिंग कराने का आदेश दिया है.
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सदस्य हैं. सरकार बनाने के लिए यहां जादुई आंकड़ा है 113 का. यहां कांग्रेस और जेडीएस की सरकार है. उनके पास कुल मिलाकर 117 विधायक हैं. लेकिन 15 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब ये संख्या घटकर 102 पर पहुंच गई है. जबकि उधर बीजेपी के पास 105 विधायक हैं.