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मुँह की बदबू से है परेशान तो इन तरीके से दूर भगाये

Sujeet Kumar Gupta
22 March 2020 6:44 AM GMT
मुँह की बदबू से है परेशान तो इन तरीके से दूर भगाये
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डॉक्टरों की मानें तो मुंह की सफाई तब तक पूरी नहीं मानी जाती, जब तक जीभ की सफाई न हो।

रात में खाने के बाद बिना ब्रश किए सो जाना, गुटखा, तंबाकू, धूम्रपान, दांत में पीलापन या फिर पेट साफ न होने पर लोगों के मुंह से बदबू आती है। सांस की बदबू (हैलाटोसिस) अक्सर मुंह के बैक्टीरिया से होती है। इस बैक्टीरिया से निकलने वाले 'सल्फर कम्पाउंड' की वजह से सांस की बदबू पैदा होती है। जमी हुई श्लेष्मा और नाक और गले की नली, पेट और आंत की नली, मूत्र नली, रक्त में जमने वाले अन्य विषैले पदार्थों से भी सांस की बदबू उत्पन्न होती है। अगर आपको भी ऐसी दिक्कत है तो आप भी अपना सकते हैं ये 5 टिप्स, जिससे मुंह की दुर्गंध को आसानी से दूर कर सकते हैं।

हमेशा करें टंग क्लीनर का इस्तेमाल

डॉक्टरों की मानें तो मुंह की सफाई तब तक पूरी नहीं मानी जाती, जब तक जीभ की सफाई न हो। कई बार भोजन के बाद कुछ बारीक कण जीभ पर लगे रह जाते हैं जिन्हें अगर सही तरीके से साफ न करें तो भी सांसों से दुर्गंध आती है। ऐसे में ब्रश करते वक्त रोज जीभ को टंग क्लीनर से जरूर साफ करें जिससे सांसों की दुर्गंध और मुंह के संक्रमण से बचाव हो सके।

लौंग का ऐसे करें प्रयोग

पार्सली की टहनियों को बारीक काटकर, दो से तीन लौंग या चौथाई चम्मच पिसे हुए लौंग को दो कप पानी में उबालें। इसे ठंडा होने पर दिन में कई बार माउथवॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी खूब पीयें और पेट को साफ रखें।

अजमोद का करें प्रयोग

अजमोद में क्लोरोफिल शामिल है, जो वास्तव में बुरी सांसों को नियंत्रित करता है। ताजा अजमोद पत्तियों का एक गुच्छा ले और सिरके में भिगो दें। दो से तीन मिनट तक पत्ते को चबाएं और अपने मुंह में ताजगी महसूस करें। आप अजमोद रस भी बना सकते है, और आप कभी भी पी सकते हैं। अजमोद में अन्य लाभकारी कारक हैं जो पाचन और पेट की गैस में आराम पहुंचाते हैं।

खाने के बाद खाएं सौंफ

सौंफ़ एक मसाला है जो ज्यादातर खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है। सौंफ़ भी बुरी सांसों से छुटकारा पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। एक छोटा चम्मच सौंफ़ बीज को ले और अपने मुंह में डालकर धीरे धीरे चबाएं, इस मसाले में ताजा सांस देने के लिये रोगाणुरोधी गुण है। आप इलायची या लौंग जैसे अन्य प्रामाणिक मसाले का भी उपयोग कर सकते हैं।

रोजाना लें ग्रीन या ब्लैक टी

चाय भी आपकी बुरी सांसों पर नियंत्रण में सहायता करता है। किसी भी तरह की चाय काली या हरी चाय में पॉलीफेनॉल्स यौगिक होता है जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है जो बुरी सांसों का कारण बनता है। चाय जो हमेशा आपकी रसोई घर में उपलब्ध होता है आसानी से बुरी सांसों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप नियमित एक कप चाय या ग्रीन टी पी सकते हैं और बुरी सांसों को दूर कर सकते हैं।

Sujeet Kumar Gupta

Sujeet Kumar Gupta

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