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निर्दलीय विधायक के बयान से फिर बढ़ी मध्यप्रदेश में राजनैतिक सरगर्मी!
बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेन्द्र सिंह शेरा भैया ने "सियासी नब्ज़" पर अपना हाथ रखा हुआ है। चूंकि मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में प्रदेश सरकार के गिरने की अफ़वाहें शबाब पर हैं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद ठाकुर सुरेन्द्र सिंह शेरा भैया ने भी अपना "सियासी हथोड़ा" मारते हुए ब्यान दाग़ा है कि जिस तरह जनता ने कांग्रेस और कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं को धूल चटाई है। इस तरह अगर बुरहानपुर क्षेत्र की जनता उनसे (शेरा भैया से) कहेंगे तो वह भी कांग्रेस को टाटा बाय बाय कह सकते हैं।
दरअसल शैरा भैय्या विधायक के साथ कोई लाभ का पद वर्तमान सरकार से पाने के इच्छुक हैं और अपने राजनैतिक लाभ के लिए वह अपने विधानसभा वाले राजनैतिक आक़ाओं के इशारे पर कांग्रेस पार्टी या अन्य किसी पार्टी का समर्थन करके पद हासिल करना चाहते हैं। अपने लक्ष्यानुसार उन्होंने अपने सियासी ब्यान के दौरान खंडवा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव और भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर भी उन्होंने राजनैतिक टीका-टिप्पणी की है।
उन्होंने यह भी कहा है कि जिनका कोई अस्तित्व नहीं था, पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। हालांकि खुद ठाकुर सुरेन्द्र सिंह शेरा भैया अपनी पत्नी श्रीमती जयश्री ठाकुर के लिए खंडवा संसदीय क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें दर किनार कर अरूण यादव को टिकट दिया। वैसे भी अरूण यादव और शेरा भैया के दरम्यान राजनैतिक रूप से 36 का आंकड़ा रहा है। अतः बदलते समय के तक़ाज़ों के तहत शेरा भैया ने दो बड़े नेताओं पर निशाना साधा है। लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का। बदलते राजनैतिक समीकरण में शेरा भैया की भूमिका का इंतेज़ार है?