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मध्यप्रदेश: सरकार की केबिनेट मीटिंग में लगी इन अहम प्रस्तावों पर मुहर!

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19 Aug 2019 10:32 AM GMT
मध्यप्रदेश: सरकार की केबिनेट मीटिंग में लगी इन अहम प्रस्तावों पर मुहर!
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बिजली, मिलावट और निजी मदरसों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था समेत एक दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी

भोपाल नवीन मोदी

आज मंत्रालय की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगी।बैठक में बिजली, मिलावट और निजी मदरसों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था समेत एक दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी मिली। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बैठक की जानकारी विस्तार से दी।उन्होंने बताया कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर मंगलवार को कार्यक्रम आयोजित होगा।

ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इंद्रिरा ज्योति योजना का विस्तार किया गया है, इसे सम्बल से अलग किया गया है। संबल के पंजीयन का इससे कोई नाता नहीं।अब बिजली 100 रुपये में 100 यूनिट मिलेगी । 100 यूनिट से ज्यादा अगर 150 यूनिट होती है तो उसका स्लैब के हिसाब से बिल लिया जायेगा। 151 यूनिट से नार्मल बिजली चार्ज उपभोक्ताओं से लिया जायेगा। इससे 1 करोड़ 1 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा ।अनुसूचित जाति के 6 लाख उपभोक्ताओं को जिनका 30 यूनिट तक का बिजली उपयोग किया तो 25 रुपये महीना बिल लिया जायेगा। इनसे 4 महीने में एक साथ 100 रूपया का बिल लिया जायेगा। सब्सिडी वाले बिल का रंग भी अलग होगा।

कैबिनेट के प्रमुख निर्णय

- सीधी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा संबंधी संशोधन आदेश का अनुसमर्थन किया गया। अब सीधी भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष एवं आरक्षित वर्ग के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष होगी। परंतु मध्य प्रदेश रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन होना आवश्यक है।

-लंबित पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 में आवश्यक संशोधन के लिए मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह एवं वित्त मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की स्थाई समिति का गठन किया गया।

-मध्य प्रदेश तिलहन संघ के कर्मचारियों की अन्य विभागों में संविलियन सीमा की अवधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया गया है।

-मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकारी विनिमयन आदेश में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। उसके अनुसार अब साहूकारों के लिए लाइसेंस शुल्क ₹5000 होगा तथा बिना लाइसेंस के कार्य करने पर सजा की अवधि 6 माह से बढ़ाकर 3 वर्ष कर दी गई है।

- वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कार्य की सुगमता के लिए महाराष्ट्र में बनाया गया सॉफ्टवेयर वन मित्र खरीदने की स्वीकृति दी गई।

-कैबिनेट ने प्रदेश में संचालित मान्यता प्राप्त मदरसों एवं जिन्होंने मान्यता के लिए आवेदन दिया है, सभी मदरसों में मध्यान भोजन देने की अनुमति प्रदान की।

-प्रदेश में मिलावट के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए अब एक अभियान शुद्ध के लिए युद्ध व्यापक पैमाने पर प्रदेश में चलाया जाएगा।

-तिलहन संघ के कर्मचारियों के संविलियन की सेवा अवधि 31 दिसम्बर 2019 तक बढ़ाई गई...

-साहुकारी के लिये लाइसेंस की फीस 5 हजार की गई।अब न्यायालय में प्रकरण दर्ज नही करा सकेंगे साहुकार।

-महाराष्ट्र के वनमित्र सॉफ्टवेयर को खरीदने की अनुमति कैबिनेट ने दी...

-"शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान चलाएगी सरकार।

- प्रदेश में इंदिरा गृह ज्योति योजना का विस्तारीकरण किया गया है।अब 100 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को ₹100 मासिक बिल तथा सौ से डेढ़ सौ यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 100 रु तथा उसके बाद 50 यूनिट का बिल सामान्य दर पर मिलेगा। 150 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को पूर्व अनुसार सामान्य दरों पर बिजली का बिल प्राप्त होगा। अब योजना सभी वर्गों के लिए लागू कर दी गई है। इससे प्रदेश में पूर्व में छप्पन लाख से बढ़कर अब 1 करोड़ एक लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

निजी मदरसों में भी मध्यान्ह भोजन

निजी मदरसों में भी मध्यान्ह भोजन देगी। इसकी लिए कैबिनेट ने हरी झंड़ी दे दी है।अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसकी व्यवस्था बनाएगा।अभी प्रदेश के एक लाख 13 हजार स्कूलों के 45 लाख से ज्यादा बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में लगभग साढ़े पांच हजार अनुदान प्राप्त व गैर अनुदान प्राप्त मदरसे हैं।अभी अनुदान प्राप्त मदरसों में मध्यान्ह भोजन की सुविधा दी जा रही है।

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