भोपाल

एक ट्विट से मचा मध्यप्रदेश में सियासी घमासान, सीएम कमलनाथ भागे राजभवन की ओर

Special Coverage News
8 Oct 2019 7:42 AM GMT
एक ट्विट से मचा मध्यप्रदेश में सियासी घमासान, सीएम कमलनाथ भागे राजभवन की ओर
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यह विवेक तन्खा की निजी राय है, सरकार का उनकी राय से कोई इत्तेफाक नहीं है. वहीं इस मामले से जुड़ा मंत्री उमंग सिंघार का ट्वीट भी चर्चा में है.

भोपाल. महापौर का चुनाव जनता की जगह पार्षदों के जरिए कराने की अप्रत्यक्ष प्रणाली से जुड़े अध्यादेश को राज्यपाल ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है. अध्यादेश पर सोमवार को निर्णय होना था, लेकिन राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के राज्यपाल लालजी टंडन को राजधर्म निभाने की नसीहत देने वाले ट्वीट के बाद मामला गर्माता नजर आ रहा है. इस बीच सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाक़ात की है| वहीं उन्होंने तन्खा के ट्वीट से पल्ला झाड़ लिया है. उनका कहना है कि यह विवेक तन्खा की निजी राय है, सरकार का उनकी राय से कोई इत्तेफाक नहीं है. वहीं इस मामले से जुड़ा मंत्री उमंग सिंघार का ट्वीट भी चर्चा में है.

दरअसल, महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था. इसके साथ में एक अन्य प्रस्ताव को भेजा गया था जिसे मंजूरी मिल गई लेकिन महापौर चुनाव बिल को होल्ड रखा. जिसके बाद यह माना जा रहा था कि सोमवार को इस पर फैसला हो सकता है. इस बीच कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने राज्यपाल लालजी टंडन को ट्वीट कर कमलनाथ सरकार की अनुशंसा पर फैसला लेने को कहा था, साथ ही उन्‍होंने राज्यपाल को विपक्ष की बात ना सुनने और राजधर्म निभाते हुए सरकार के पक्ष में मत देने की सलाह दी थी.

उनके इस ट्वीट से सियासत भी गरमा गई और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार के इस अध्यादेश का विरोध किया. वहीं इस बीच कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंगार ने भी राज्यपाल को सलाह दी है कि वह सरकार की अनुशंसा पर फैसला करें| जबकि भाजपा ने इसका विरोध किया है. वहीं यह खबर भी सामने आई कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्‍खा की सलाह से राज्यपाल लालजी टंडन खफा हो गए हैं और इस पूरे मामले पर उन्‍होंने अब एक्सपर्ट से सलाह लेना शुरू कर दी है.

राज्यपाल की नाराजगी की खबरों के बीच सोमवार शाम को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी राज्यपाल से मुलाकात की है| इस मुलाकात के बाद सीएम का बयान सामने आया है. उन्होंने राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे तन्खा की निजी राय बताया है. उनका कहना है कि सरकार का उनकी राय से कोई इतिफाक नहीं है. वहीं उन्होंने पार्षदों के जरिए महापौर चुनने के विधेयक पर कहा कि उम्मीद है चुनाव समय पर ही होंगे. राज्यपाल की सहमति को लेकर उन्होंने कहा सहमति पहले से ही है, वहीं राज्यपाल की नाराजगी की खबरों का सीएम ने खंडन किया है. वहीं गवर्नर से हुई मुलाकात पर कहा कि बाढ़ को लेकर उनकी चर्चा हुई है.

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