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- अब प्रज्ञा ठाकुर के...
अब प्रज्ञा ठाकुर के कपड़ों पर उठाया कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने सवाल, बताया क्या क्या पहनती थी साध्वी कपड़े!
लोकसभा 2019 चुनाव में भोपाल सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ने टी-शर्ट और जींस पहनने के बाद भगवा पहना है. उन्होंने कहा, प्रज्ञा ठाकुर ने कई लोगों के साथ बदतमीजी की है, इसलिए वह साध्वी नहीं बल्कि आदतन अपराधी हैं. 2008 मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
जब बघेल से साध्वी के अतीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''प्रज्ञा ठाकुर जब छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ में अपने जीजाजी के साथ रहती थीं, तब वह जींस-टी-शर्ट पहनती थीं और बाइक चलाती थीं.'' बघेल ने आगे कहा, ''प्रज्ञा ने कितने लोगों से चप्पल की भाषा में बात की है और एक शख्स को उन्होंने चाकू भी मार दिया था. बिलाईगढ़ का हर शख्स जानता है कि वह शुरुआत से आदतन अपराधी रही हैं.''
बघेल ने साध्वी पर निशाना साधते हुए कहा, "बाद में उन्होंने भगवा पहनना शुरू किया लेकिन उसे पहनने से कोई साध्वी नहीं बन जाता. उनका व्यवहार साध्वी की तरह नहीं लगता. लेकिन जब बघेल से पूछा गया कि प्रज्ञा द्वारा चाकू मारने वाले मामले की क्या स्थिति है तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया. बघेल के इस बयान पर मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हितेश बाजपेई ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सीएम का बयान अशोभनीय, शर्मनाक और झूठा है. यह पहली बार नहीं है कि जब बघेल ने साध्वी पर हमला बोला हो. पिछले महीने भी उन्होंने साध्वी को आदतन अपराधी कहा था. बघेल ने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा झगड़ालू प्रवृत्ति की रही हैं और छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करती थीं. भोपाल लोकसभा सीट पर मतदान छठे चरण यानी 12 मई को होगा.
विवादित बयानों से मचाई सनसनी
टिकट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने 26/11 मुंबई हमले के शहीद और पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर सनसनी मचा दी थी. प्रज्ञा ने कहा था, मैंने हेमंत करकरे को श्राप दिया था कि उसका सर्वनाश होगा. उस दिन से सूतक लग गया था और सवा महीने बाद आतंकवादियों ने उसे मार दिया. इस मामले पर बवाल मचता देख साध्वी ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी. 21 अप्रैल को उन्होंने कहा कि उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराई थी और उन्हें इसका अफसोस नहीं है. साध्वी ने कहा था कि राम के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, जिन्हें हमने हटा दिया और उन्हें बाबरी मस्जिद गिराई जाने पर गर्व है.
साध्वी ने कहा था कि अयोध्या में जल्द ही राम का भव्य मंदिर बनाएंगे. उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी जारी कर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद सीहोर में साध्वी ने दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था. बयान में साध्वी ने कहा था, 16 साल पहले उमा भारती ने हराया था और वह 16 साल तक मुंह नहीं उठा पाया. अब फिर से सिर उठा रहा है तो दूसरी संन्यासी सामने है, जो उसके कर्मों का सीधा सबूत है. साध्वी ने कहा था कि ऐसे आतंकी को खत्म करने के लिए फिर संन्यासी को खड़ा होना पड़ रहा है.
क्या है इनके बारे जानकारी जो सोशल मिडिया पर भी दिख जाती है
यह जानकारी यूपी के मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने पेज पर शेयर की है
मध्यप्रदेश के भिंड जिले के लहार कस्बे की प्रज्ञा उन दिनों जिंस टीशर्ट पहन कर मोटर साईकिल चलाने के लिए मशहूर थीं उनके पिता आरएमपी डाक्टर थे व राष्ट्रीय स्वंय संघ के सक्रिय कार्यकर्ता. भिंड जिले के 50,000 की आबादी वाले इस छोटे से कस्बे में प्रज्ञा सिंह को हर कोई पप्पी के नाम से ही जानता है। सिर्फ दो साल पहले तक जब वह साध्वी नहीं बनी थी तब वह इसी गांव की गलियों में पप्पी ठाकुर बनी फिरती थी।
इस गांव में किसी को भरोसा नहीं होता कि पप्पी ने यहां से जाने के बाद ऐसा कौन सा पाठ पढ़ लिया है कि वह अब साध्वी की श्रेणी में आ गई। प्रज्ञा सिंह अपने मां-बाप की चार बेटियों एवं एक बेटे में दूसरे नंबर की संतान है। सबसे बड़ी का नाम बबली है तो प्रज्ञा को सब पप्पी कहते थे। प्रज्ञा के परिवार को जानने वाले स्थानीय नागरिक सूर्यप्रताप सिंह कहते है कि दो साल पहले जब पप्पी सूरत से पहली बार मोटरसाइकिल लेकर आई थी तो खूब इठलाती घूमती थी। उसे अपनी मोटरसाइकिल से इतना लगाव था कि छोटे से छोटे काम के लिए भी दिन भर मोटरसाइकिल पर उड़ा करती थी।
एक बात यहां और प्रचलित है कि लहार में पहली बार डिश टीवी उसी ने लगवाया था। वह भी तब, जब उसके अपने घर पर टीवी तक नहीं था। लोग चर्चा करते हैं कि उसके हाथ आखिर ऐसा कौन सा खजाना लग गया कि उसकी जिन्दगी का अंदाज ही बदल गया। प्रज्ञा की शुरूआती पढ़ाई लहार की प्राथमिक कन्याशाला में हुई। उसे संस्कृत पढ़ना अच्छा लगता था।
उसके शिक्षक आरके दीक्षित बताते हैं कि स्कूल में तो वह गांव की एक सीधी-साधी लड़की थी, खूब पढ़ती थी और सलवार सूट पहनती थी, लेकिन स्कूल के बाद उसने कालेज की दहलीज पर कदम रखा तो उसकी तमन्नाआें को पर लग गए और गांव की यह पप्पी बाल कटवा कर जींस पहनने लगी।
उसी दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से भी जुड़ी। प्रज्ञा की एक खासियत और थी कि उसने लोगों को पछाड़ने के दांव कबड्डी के मैदान में सीखे। अचानक वह साध्वी बन गई व प्रवचन देनें लगीं फिर गुजरात के सूरत में एक आश्रम बना लिया व अपने परिवार को भी वहीं बुला लिया आज भी लहार में सी पी ठाकुर का मकान किराये पर है .! श्री सिंह का देहावसान मार्च 13 में हुआ था व उनका अंतिम संस्कार लहार में ही हुआ था !
उसके लिए प्रज्ञा को अनुमति भी मिली थी मालेगांव बम धमाके में प्रज्ञा की भूमिका का बसे बडा आधार घटना स्थल पर उस मोटर साईकिल का पाया जाना था जोकि प्रज्ञा के नाम मध्य प्रद्रेश में पंजीकृत थी ! प्रज्ञा की तरुफ से कहा जाता रहा कि वह एलएनएल फ्रीडम मोटर साईकिल को पहले ही अक्तूबर 2004 में बेच चुकी थी . प्रज्ञा ठाकुर को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया गया था। साध्वी पर मालेगांव ब्लास्ट के साथ ही साथ सुनील जोशी की हत्या का भी आरोप थे । कहा गया था कि प्रज्ञा ने सुनील जोशी की हत्या इस लिए करवा दी थी क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं वो मालेगांव ब्लास्ट का राज ना खोल दें।
NIA की जांच में भी ये बात सामने आया कि सुनील का प्रज्ञा के प्रति आकर्षण ही उनकी हत्या का कारण बना। बहरहाल सरकार बदलने के साथ जांच की दशिा बदल गई है, अब वे निर्दोष बताई जा रही हैं . सरकारें के साथ आतंक की परभिाषा बदल रही है, देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआईए पर पिछले एक साल से मालेगांव मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस वाले मामलों में अलग रूख अरूितयार करने के दवाब की खबरेकं हवा में तैर रही थीं.........क्या कहा जाए नव संघी उछल उछल कर गालियां दे रहे हैं व इसे असली अदालती जीत बता रहे हैं.