मुम्बई

#HumanStory: लोग समझाते- लड़का गे होगा, तभी वर्जिनिटी जांचने से कतरा रहा है

Special Coverage News
30 July 2019 5:41 AM GMT
#HumanStory: लोग समझाते- लड़का गे होगा, तभी वर्जिनिटी जांचने से कतरा रहा है
x
लड़केवालों की तरफ से एक बुजुर्ग औरत आई. डगर-मगर चलती उस औरत ने धागे से पहले बहन के माथे की नाप ली, फिर ब्रेस्ट की. इसके बाद एलान कर दिया कि लड़की 'खोटी' है. तकरीबन हर शादी में ये होता.

महाराष्ट का कंजरभाट समुदाय. यहां दशकों से लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट किया जा रहा है. दुल्हा-दुल्हन को शादी के तुरंत बाद शारीरिक संबंध बनाने को कहा जाता है. साथ में एक सफेद चादर होती है, जो लड़की की किस्मत तय करती है. साल 2018 में ऐश्वर्या और उसके भावी पति ने इस टेस्ट से इन्कार कर दिया. गालियां, धमकियां, और सामाजिक बहिष्कार झेलने की कीमत पर.

नौंवी में थी, जब बड़ी बहन की शादी हुई. शादी के वक्त उसके पीरियड्स चल रहे थे. तब तो उसे बिदा कराकर ले गए लेकिन 4 दिन बाद लौटे. बहन, उसका पति, घरवाले और सारे बाराती. कुल साठेक लोग होंगे. पंचों को बुलाया गया. उन्होंने मेरी बहन और उसके पति को लॉज भेजा. साथ में 4 लोग और थे. लड़की की तरफ से 2 और लड़के की तरफ से 2 लोग. जोड़े को आधे घंटे का समय दिया गया.

दीदी को खुद को 'प्रूव' करना था

इसी दौरान उसकी वजाइना में चोट लग गई. वो बुरी तरह से ब्लीड कर रही थी. तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहां उसे कई टांके लगे, तब जाकर खून रुका. आज भी याद है, एक तरफ दीदी दर्द से ऐंठ रही थी तो दूसरी तरफ दोनों ओर के घरवाले आपस में लड़ रहे थे. दुल्हे के घरवालों का कहना था कि लड़की वर्जिन नहीं है, चोट लगने से खून आया है. मेरे घरवाले अड़े थे कि हमारी बेटी तो साहब एकदम अछूती है. बहन का कुंआरापन चेक करने के लिए एक घरेलू टेस्ट हुआ. हमारी ही कम्युनिटी की एक उम्रदराज औरत ने उसका टू-फिंगर टेस्ट किया.

एक रात पहले वजाइना में टांके लगे हैं और अगली सुबह उसका टू-फिंगर टेस्ट हो रहा है. मैं सब देख रही थी. समझ नहीं आया. लेकिन याद रहा.

पहली बार पीरियड आए, तब मैं दसवीं में थी. मां को जैसे ही बताया, वो मुझे कमरे में ले गई. दरवाजा बंद कर दिया. मुझे बैठाया और फुसफुसाकर समझाने लगी- 'अब तुम बड़ी हो गई हो. संभलकर रहना वरना शादी के दिन हमारी इज्जत चली जाएगी'. मैं छोटी थी. लेकिन तबतक इज्जत जाने का मतलब खूब समझने लगी थी. मां ने बताया कि मेरी दादी, नानी, मां, मौसियों, ननदों- सबको ही खुद को संभालकर रखना पड़ा. सब की सब शादी में 'खरी' निकलीं.

मैं सिर हिलाते हुए ध्यान से मां को देख रही थी. दीदी को याद कर रही थी, जिसे खरा होने के लिए इतना दर्द झेलना पड़ा. मैं तब साइंस नहीं जानती थी. लड़की-लड़के के बीच भेदभाव जैसे तर्क भी दिमाग में नहीं आते थे. मैंने मान लिया कि सबने टेस्ट दिया है. मुझे भी देना होगा.

इज्जत संभालकर रखते हुए कई साल बीते. घर में कईयों शादियां देखीं. हर शादी में ये फसाद होता.

शादी के तुरंत बाद लड़की को लॉज में भेजा जाता. साथ में लड़के के भैया-भाभी और लड़की के बहन-जीजा या भाई-भाभी होते. लॉज में पहुंचने के बाद दुल्हा और दुल्हन दोनों के शरीर को पूरी तरह से जांचा जाता कि कहीं कोई ब्लेड तो नहीं जिससे वे खून निकाल लें. लड़की के शरीर पर कोई जख्म तो नहीं. लड़की या लड़के के पास खून की बोतल तो नहीं!

दोनों को सिर्फ एक सफेद चादर के साथ कमरे में भेजा जाता

कमरा भी पहले से देख-भाल लिया जाता था कि वहां कोई नुकीली चीज तो नहीं. नए जोड़े को आधे घंटे का वक्त दिया जाता. इस दौरान बाकी चारों लोग कमरे के बाहर ही बैठे रहते. ठीक आधे घंटे बाद दरवाजा नॉक किया जाता. ये पूछने कि सब ठीक से चल रहा है न! दुल्हा-दुल्हन को शराब, पोर्न देखने की सलाह मिलती ताकि उनपर जो परफॉर्मेंस प्रेशर है, वो कम हो जाए.

कई बार ऐसा भी हुआ है कि ठीक से समझाने के लिए बाहर बैठे दोनों जोड़ों में से कोई एक जोड़ा जाकर लाइव देता. या फिर भाभियां जाकर चेक करतीं कि संबंध ठीक से बन रहा है.

शादी की दूसरी रोज पंचायत बैठती. उसमें लड़के से सवाल होता- तुझे जो माल मिला, वो खरा था या खोटा. चादर पर खून के धब्बे मिलें तो लड़का कहेगा- खरा. खून न आए तो लड़का कहेगा- खोटा. खोटा कहते ही लड़की को लानतें-मलानतें मिलने लगतीं. पूछा जाता कि कौन था वो. कब हुआ. लड़की लाख समझाए, वो उससे कोई न कोई नाम उगलवाना ही चाहते थे.

सगाई के बाद विवेक से मिली तो उसने कहा- मैं नहीं चाहता कि मेरी पत्नी को वर्जिनिटी टेस्ट देना पड़े. क्या तुम मेरा साथ दोगी? मैंने हां कर दी. पहली बार कोई ऐसा आदमी देखा जो औरतों को इज्जत देता था. मेरी हां के साथ ही सब बदलने लगा. विवेक से मेरी शादी को तैयार मेरे घरवाले इसके खिलाफ हो गए. मुझे डांटते-फुसलाते.मेरा भला चाहने वाले घर आकर मुझे समझाते-

लड़का गे होगा या फिर सेक्स नहीं कर सकता होगा. तुम्हें धोखा दे रहा है.

शादी के बाद जबतक तुम ये समझोगी, देर हो जाएगी. मत करो ऐसे लड़के से शादी. तोड़ दो सगाई. यहां तक कि मेरे घरवाले भी अड़ गए कि मेरी शादी उससे नहीं होगी. हल्दी, मेहंदी हो चुकी थी और दादा ने कह दिया कि इस लड़के से मेरी शादी नहीं होने देंगे. मैं भी अड़ गई. इससे शादी नहीं करोगे तो मैं खुदकुशी कर लूंगी. ये धमकी नहीं थी. छुटपन से अब तक काफी कुछ देखा था. मैं वो जिल्लत नहीं झेल सकती थी.

मैंने और विवेक ने ऐसे किसी भी टेस्ट से मना कर दिया. अब हम बिरादरी बाहर हो चुके हैं. न कोई खुशी में बुलाता है, न गम में. बीते दिनों विवेक के दादा नहीं रहे. उनकी मौत के बाद वाट्सएप पर वीडियो बनाकर अपील की गई कि कोई भी हमारे घर मातमपुर्सी को न जाए.

डर के मारे कोई आया भी नहीं. सबको डर है कि हमसे मिलेंगे तो हुक्कापानी बंद हो जाएगा.

सालभर बीत गया लेकिन हालात ऐसे हैं कि मां जहां से गुजरती है, उसे फब्तियां मिलती हैं. मैं घर जाऊं तो आसपास से ऊंची आवाज में गालियां सुनाई पड़ती हैं. उनके लिए मैं और विवेक ऐसा जोड़ा हैं जो पढ़े-लिखे होने के बावजूद गलत राह पर चल पड़े.

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story