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महाराष्ट्र में तेजी से बदले समीकरण के बाद ट्व‍िटर पर शिवसेना का उड़ा मजाक, #TumSeNaHoPayega ट्रेंड होने लगा

Special Coverage News
12 Nov 2019 6:03 AM GMT
महाराष्ट्र में तेजी से बदले समीकरण के बाद ट्व‍िटर पर शिवसेना का उड़ा मजाक, #TumSeNaHoPayega ट्रेंड होने लगा
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महाराष्ट्र में सोमवार का द‍िन बेहद सियासी ड्रामे वाला रहा. दोपहर में आसानी से शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार बनाती दिख रही थी, लेकिन शाम होते-होते स्थितियां ऐसी बदलीं कि शिवसेना खुद को ठगा सा महसूस करने लगी.

राज्यपाल से शिवसेना ने 48 घंटे की मोहलत मांगी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया. इसके बाद राज्यपाल ने एनसीपी से सरकार बनाने के लिए पूछा. इसके लिए उसे भी 24 घंटे का वक्त मिला है. इस अवधि के बीत जाने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के आसार हैं.



महाराष्ट्र में तेजी से बदलते इस समीकरण के बाद ट्व‍िटर पर #TumSENAhoPayega ट्रेंड होने लगा. इस पर यूजर्स ने श‍िवसेना की जमकर ख‍िंचाई की और उसका मजाक बनाया.



एक यूजर ने तो इस पूरे मामले को तीन कार्टून में न‍िपटा द‍िया. श‍िवसेना समर्थन के ल‍िए एनसीपी के पास गई, एनसीपी उसे कांग्रेस के पास ले गई और फ‍िर जैसे ही सत्ता का फल श‍िवसेना को म‍िलना था, उसके नीचे से एनसीपी आधार न‍िकाल कर ले गई.



एक यूजर ने ल‍िखा क‍ि श‍िवसैन‍िकों की स्थ‍ित‍ि इस समय बड़ी गंभीर हो गई है. उनके अंडरग्राउंड होने का समय अब आ गया.




एक अन्य यूजर ने मजाक‍िया लहजे में ल‍िखा क‍ि बीजेपी, श‍िवसेना को कह रही है क‍ि आपके साथ प्रैंक हुआ है.



इससे पहले शिवसेना सरकार बनाने की हर कोशिश में जुटी रही. आदित्य ठाकरे समेत कई पार्टी नेताओं ने सोमवार शाम गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात की.

इसके बाद आदित्य ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल को बताया कि वे सरकार बनाना चाहते हैं. उन्होंने दो दिनों का समय मांगा था लेकिन इतना वक्त राज्यपाल ने नहीं दिया. हालांकि राज्यपाल ने उनका सरकार बनाने का दावा नहीं ठुकराया. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पार्टियां (कांग्रेस और एनसीपी) की हमसे बातचीत चल रही है.



लेकिन सत्ता के फेर में शिवसेना फंसती नजर आई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी शिवसेना को झटका कांग्रेस और एनसीपी दोनों की ओर से लगा.



बता दें क‍ि महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ था और दोनों में से कोई दल अकेले सरकार नहीं बना सकता था. ऐसे में शिवसेना को सरकार गठन के लिए कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन की जरूरत थी.



चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. ऐसे में शिवसेना को न सिर्फ एनसीपी बल्कि कांग्रेस को भी सरकार बनाने के लिए साथ में लेना था.

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